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नाबालिग का कराया गर्भपात, डिप्टी सीएम के निर्देश पर अवैध अस्पताल सीज़ - Promise Hospital in Amethi Seized

अमेठी जिले में अवैध तरीके से निजी अस्पताल में गर्भपात कराया गया था. रविवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर इस अस्पताल को सीज़ (Promise Hospital in Amethi Seized) कर दिया गया.

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अमेठी में प्रॉमिस अस्पताल Deputy CM Brijesh Pathak Promise Hospital in Amethi Seized डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
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Published : May 22, 2023, 6:52 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. बिना लाइसेंस चल रहे निजी अस्पताल में गर्भपात का धंधा चल रहा था. अमेठी में प्रॉमिस अस्पताल पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये. दरअसल, गर्भपात का धंधा चलाने वाले गोसाईंगंज के अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के हस्तक्षेप के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देर रात हॉस्पिटल में छापेमारी की. बिना लाइसेंस के अस्पताल चल रहा था. इसमें पांच गर्भवती महिलाएं भर्ती मिली. डिप्टी सीएम के आदेश पर सभी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया. अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है.

गोसाईगंज कोतवाली क्षेत्र के अमेठी कस्बे की कक्षा 4 की नाबालिग छात्रा को डरा धमकाकर कर 35 वर्षीय मीट व्यापारी उमर कुरैशी ने बलात्कार किया. यह वारदात उसने कई बार दोहराई. बलात्कार से गर्भवती हुई नाबालिग छात्रा का अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल में जबरन गर्भपात कराया. पिता ने गोसाईगंज पुलिस में तहरीर दी. गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिग पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा. पीड़ित परिवारजनों का आरोप है कि प्रॉमिस हॉस्पिटल की डॉक्टर अवैध गर्भपात (Promise Hospital in Amethi Seized) के धंधे में लिप्त है.

पैसे के लिए नियमों को ताक पर रखकर हॉस्पिटल में गर्भपात किया जा रहा था. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अमेठी नाबालिक लड़की के गर्भपात मामले में संज्ञान लिया. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल को मामले की जांच के निर्देश दिया. डिप्टी सीएमओ डॉ. अखंड प्रताप सिंह और सीएचसी अधीक्षक डॉ. विनय मिश्र गोसाईंगंज पुलिस के साथ रविवार देर रात प्रॉमिस हॉस्पिटल पहुंचे. यहां पांच गर्भवती महिलायें भर्ती मिलीं. इन्हें सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराने की प्रक्रिया देर रात चलती रही.

सीएमओ की टीम ने अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से डॉक्टरों के बारे में जानकारी हासिल की. अस्पताल के पंजीकरण संबंधी पेपर मांगे. पर, वे कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए. सीएमओ कार्यालय में प्रॉमिस हॉस्पिटल पंजीकरण नहीं है. डॉक्टर के महिला रोगियों के इलाज संबंधी गायनी की डिग्री भी नहीं थी. डिप्टी सीएम के निर्देश पर अस्पताल को सीज कर दिया गया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसे गलत व अनैतिक काम करने वाले अस्पताल की शिनाख्त की जाए. इन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. प्रॉमिस हॉस्पिटल कब से चल रहा था? अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? रिपोर्ट तलब की गई है.

ये भी पढ़ें- सांसद बृजभूषण सिंह नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार, कहा- खिलाड़ी भी करवाएं लाई डिटेक्टर टेस्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. बिना लाइसेंस चल रहे निजी अस्पताल में गर्भपात का धंधा चल रहा था. अमेठी में प्रॉमिस अस्पताल पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये. दरअसल, गर्भपात का धंधा चलाने वाले गोसाईंगंज के अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के हस्तक्षेप के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देर रात हॉस्पिटल में छापेमारी की. बिना लाइसेंस के अस्पताल चल रहा था. इसमें पांच गर्भवती महिलाएं भर्ती मिली. डिप्टी सीएम के आदेश पर सभी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया. अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है.

गोसाईगंज कोतवाली क्षेत्र के अमेठी कस्बे की कक्षा 4 की नाबालिग छात्रा को डरा धमकाकर कर 35 वर्षीय मीट व्यापारी उमर कुरैशी ने बलात्कार किया. यह वारदात उसने कई बार दोहराई. बलात्कार से गर्भवती हुई नाबालिग छात्रा का अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल में जबरन गर्भपात कराया. पिता ने गोसाईगंज पुलिस में तहरीर दी. गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिग पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा. पीड़ित परिवारजनों का आरोप है कि प्रॉमिस हॉस्पिटल की डॉक्टर अवैध गर्भपात (Promise Hospital in Amethi Seized) के धंधे में लिप्त है.

पैसे के लिए नियमों को ताक पर रखकर हॉस्पिटल में गर्भपात किया जा रहा था. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अमेठी नाबालिक लड़की के गर्भपात मामले में संज्ञान लिया. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल को मामले की जांच के निर्देश दिया. डिप्टी सीएमओ डॉ. अखंड प्रताप सिंह और सीएचसी अधीक्षक डॉ. विनय मिश्र गोसाईंगंज पुलिस के साथ रविवार देर रात प्रॉमिस हॉस्पिटल पहुंचे. यहां पांच गर्भवती महिलायें भर्ती मिलीं. इन्हें सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराने की प्रक्रिया देर रात चलती रही.

सीएमओ की टीम ने अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से डॉक्टरों के बारे में जानकारी हासिल की. अस्पताल के पंजीकरण संबंधी पेपर मांगे. पर, वे कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए. सीएमओ कार्यालय में प्रॉमिस हॉस्पिटल पंजीकरण नहीं है. डॉक्टर के महिला रोगियों के इलाज संबंधी गायनी की डिग्री भी नहीं थी. डिप्टी सीएम के निर्देश पर अस्पताल को सीज कर दिया गया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसे गलत व अनैतिक काम करने वाले अस्पताल की शिनाख्त की जाए. इन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. प्रॉमिस हॉस्पिटल कब से चल रहा था? अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? रिपोर्ट तलब की गई है.

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