लखनऊ: राजधानी में पुलिस कमिश्नर की ओर से शुरू किए गए 'साथी' प्रोजेक्ट के तहत सेक्सुअल ऑफेंस पीड़िताओं की मदद में तैनात महिला पुलिस कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी. यौन शोषण की पीड़िताओं को न्याय दिलाने के साथ उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के निर्देश पर इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है.
इस प्रोजेक्ट के तहत पॉक्सो एक्ट के 25 मामलों में महिला अधिकारियों को पीड़िता के 'साथी' के तौर पर जिम्मेदारी दी गई. महिला अधिकारियों की साथी के तौर पर यह जिम्मेदारी होगी कि महिलाओं को जांच के दौरान सुविधा उपलब्ध कराएं, साथ ही ऐसा माहौल उपलब्ध कराएं, जिससे कि पीड़िता मजबूती से अपना पक्ष रख सके. इसके साथ ही ये महिला पुलिस अधिकारी को पीड़ित को सरकार के द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने और उनके पुनर्वास के लिए भी मदद करेंगी.
लखनऊ में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पीड़ित महिलाओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. लॉकडाउन के चलते इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो सका था, वहीं अब जब लॉकडाउन खत्म हो गया है तो नए सिरे से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.
लखनऊ में पॉक्सो एक्ट के तहत जो लंबित विवेचना है, उसके लिए साथी के तौर पर महिला अधिकारी का चयन कर दिया गया है, जिनको पीड़ित की जांच को पूरा कराने व उसके पुनर्वास की जिम्मेदारी दी गई है.
सेक्सुअल ऑफेंस के मामले में पीड़िता की मदद के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य महिलाओं को जांच के दौरान एक बेहतर माहौल उपलब्ध कराना और एक साथी के तौर पर पुलिस महिला कर्मचारी उपलब्ध कराना है, जो विभिन्न पहलुओं पर पीड़िता की मदद करेंगी. यह सिर्फ जांच के दौरान ही पीड़िता की मदद ही नहीं करेंगी,बल्कि पीड़िता को सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद व उनके पुनर्वास के लिए भी काम करेंगी.
चारु निगम, डीसीपी वूमेन क्राइम एंड सेफ्टी