लखनऊ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र गोरखपुर से आई खबर पढ़कर आपको अंदाजा लगेगा कि जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिनों पहले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए 'मिशन शक्ति' के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए. वहीं जमीनी स्तर पर सिस्टम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए हैं.
महिलाओं के खिलाफ हर दिन होते हैं औसतन 165 अपराध
प्रियंका गांधी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा कि गोरखपुर में पिछले दिनों 12 से अधिक लड़कियों की मौत के मामले आए. इन अपराधों में सजा दिलाना तो दूर, कुछ मामलों में पुलिस मृत लड़कियों की पहचान तक नहीं कर पाई. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हर दिन औसतन 165 अपराध होने के मामले होते हैं. पिछले दिनों ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए जिनमें या तो प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी या फरियादी महिला से ही अभ्रदता कर दी. उन्होंने आगे लिखा कि क्या आप सोच सकते हैं, जो सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देती हो. उस सरकार के थानों में जब महिला शिकायत लेकर पहुंचती है तो उस पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हैं. उसके प्रति संवेदना करने के बजाय उसका निरादर किया जाता है.
'बेटी बचाओ' और 'मिशन शक्ति' सिर्फ खोखले नारे
महिला सुरक्षा को लेकर हाथरस, उन्नाव और बदायूं जैसी घटनाओं में यूपी सरकार के व्यवहार को पूरे देश ने देखा. महिला सुरक्षा की बेसिक समझ है कि महिला की आवाज सर्वप्रथम है, लेकिन यूपी सरकार ने बार-बार ठीक इसके उलट काम किया. इससे यह स्पष्ट है कि उनके लिए 'बेटी बचाओ' और 'मिशन शक्ति' सिर्फ खोखले नारे हैं. महिलाओं की आवाज और उनकी आपबीती को लेकर महिलाओं के प्रति सरकार को अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और महिलाओं के साथ संवेदनशीलता दिखानी पड़ेगी. जब कोई पीड़ित महिला या उसका परिवार आवाज उठाए और सत्ताधारी दल के लोग उस महिला और उसके परिवार पर ही भद्दी टिप्पणियां करने लगें, तो इससे घृणित कोई और कार्य नहीं है.
महिलाओं की आवाज को आदर से सुनें
महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की पहली शर्त यह है कि उनके के खिलाफ हो रहे अपराध को सामने लाया जाए. लेकिन इसके लिए महिलाओं की आवाज को आदर से सुनना होगा.