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Private School Organization ने कहा-डीसीपी या एडीसीपी रैंक के अधिकारियों से कराई जाए जांच, अभिभावकों के लिए बने गाइडलाइन - निजी विद्यालयों की समस्याएं

राज्य परियोजना निदेशालय में महानिदेशक स्कूल शिक्षा और अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक में स्कूलों में सुरक्षित परिवेश को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान निजी स्कूल संचालकों की ओर से किसी भी आपराधिक केस के मामलों की जांच डीसीपी या एडीसीपी रैंक के अधिकारियों से कराने के साथ अभिभावकों के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग रखी गई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 12:37 PM IST

लखनऊ : राज्य परियोजना निदेशालय में शुक्रवार निजी विद्यालयों के लिए बनी समिति और महानिदेशक स्कूल शिक्षा के बीच बैठक हुई. बैठक में अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने निजी विद्यालयों के लिए बनी कमेंटी की ओर कहा कि विद्यालय में कोई अपराधिक घटना होने पर डीसीपी या एडीसीपी रैंक के अधिकारियों से ही जांच कराई जाए. निचले स्तर पर हुई जांच प्रताड़ना का कारण बनती है. उन्होंने कमेंटी की ओर से अभिभावकों के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग की, जिसमें विद्यालय को छात्र और अभिभावक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार देने की मांग की.

बातचीत के दौरान अनिल अग्रवाल ने हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर मोबाइल फोन को जिम्मेदार बनाते हुए कहा कि स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगना चाहिए. शिक्षक, छात्र और अभिभावक के बेहतर संवाद से ही हाल ही में हुई घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है. अनिल अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी निजी विद्यालय में कोई भी अपने घटना होने पर उसे घटना की सत्यता से जांच की जाए और जो कमेटी गठित की गई है. उसके द्वारा किसी व्यक्ति को नामित किया जाए, जो जांच के दौरान उपस्थित रहेगा. जांच के बाद यदि व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो सिर्फ संबंधित व्यक्ति के खिलाफ ही कार्रवाई की जाए अन्य किसी को परेशान न किया जाए.

बैठक में मौजूद अन्य पदाधिकारियों ने मांग रखी कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के ओर से गठित कमेटी के सदस्यों की सहमति से अभिभावकों के लिए गाइडलाइन बनाई जाए. जिसका पालन न करने पर विद्यालय को कार्रवाई का अधिकार दिया जाए. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों के लिए नियमों को बिना विचार विमर्श बनाने और लागू करने को लेकर कहा कि कमेटी इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी. इसके अलावा विद्यालय परिसर के बाहर कोई भी घटना घटित होने पर की दशा में विद्यालय प्रबंधन या प्रशासन किसी भी व्यक्ति को दोषी न करार दिया जाए. इसके अलावा पदाधिकारी ने स्टेट लेवल की गाइडलाइन में विद्यालय परिसर के बाहर वहां से आते-जाते समय किसी कारण से कोई हादसा होता है तो संबंधित दोषी व्यक्ति के खिलाफ ही कार्रवाई की जाए न कि विद्यालय प्रबंधन का नाम उसे जोड़ा जाए. बैठक में मौजूद स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि वर्तमान में कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो दुखद है. बैठक में विशाल जैन प्रेसिडेंट कनफेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल पश्चिम उत्तर प्रदेश, आलोक कुमार जनरल सेक्रेटरी स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक महासभा, यूनाइटेड फ्रंट के अतुल कुमार एवं श्याम पचौरी के साथ जेडी प्रदीप कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे.

लखनऊ : राज्य परियोजना निदेशालय में शुक्रवार निजी विद्यालयों के लिए बनी समिति और महानिदेशक स्कूल शिक्षा के बीच बैठक हुई. बैठक में अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने निजी विद्यालयों के लिए बनी कमेंटी की ओर कहा कि विद्यालय में कोई अपराधिक घटना होने पर डीसीपी या एडीसीपी रैंक के अधिकारियों से ही जांच कराई जाए. निचले स्तर पर हुई जांच प्रताड़ना का कारण बनती है. उन्होंने कमेंटी की ओर से अभिभावकों के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग की, जिसमें विद्यालय को छात्र और अभिभावक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार देने की मांग की.

बातचीत के दौरान अनिल अग्रवाल ने हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर मोबाइल फोन को जिम्मेदार बनाते हुए कहा कि स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगना चाहिए. शिक्षक, छात्र और अभिभावक के बेहतर संवाद से ही हाल ही में हुई घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है. अनिल अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी निजी विद्यालय में कोई भी अपने घटना होने पर उसे घटना की सत्यता से जांच की जाए और जो कमेटी गठित की गई है. उसके द्वारा किसी व्यक्ति को नामित किया जाए, जो जांच के दौरान उपस्थित रहेगा. जांच के बाद यदि व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो सिर्फ संबंधित व्यक्ति के खिलाफ ही कार्रवाई की जाए अन्य किसी को परेशान न किया जाए.

बैठक में मौजूद अन्य पदाधिकारियों ने मांग रखी कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के ओर से गठित कमेटी के सदस्यों की सहमति से अभिभावकों के लिए गाइडलाइन बनाई जाए. जिसका पालन न करने पर विद्यालय को कार्रवाई का अधिकार दिया जाए. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों के लिए नियमों को बिना विचार विमर्श बनाने और लागू करने को लेकर कहा कि कमेटी इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी. इसके अलावा विद्यालय परिसर के बाहर कोई भी घटना घटित होने पर की दशा में विद्यालय प्रबंधन या प्रशासन किसी भी व्यक्ति को दोषी न करार दिया जाए. इसके अलावा पदाधिकारी ने स्टेट लेवल की गाइडलाइन में विद्यालय परिसर के बाहर वहां से आते-जाते समय किसी कारण से कोई हादसा होता है तो संबंधित दोषी व्यक्ति के खिलाफ ही कार्रवाई की जाए न कि विद्यालय प्रबंधन का नाम उसे जोड़ा जाए. बैठक में मौजूद स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि वर्तमान में कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो दुखद है. बैठक में विशाल जैन प्रेसिडेंट कनफेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल पश्चिम उत्तर प्रदेश, आलोक कुमार जनरल सेक्रेटरी स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक महासभा, यूनाइटेड फ्रंट के अतुल कुमार एवं श्याम पचौरी के साथ जेडी प्रदीप कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे.


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