लखनऊ: बिना मानचित्र के बनाए गए मकान को एक तय मानक के अनुरूप शमन कर वैध कराया जा सकेगा. नई शमन योजना-2020 पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद पुरानी शमन नीति भी प्रभावित हो रही थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. इसके तहत हाईकोर्ट ने नई शमन नीति पर रोक लगाई है, जबकि पुरानी शमन नीति के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है इसलिए शमन नीति 2010 को लागू करने में कोई अड़चन नहीं है. इससे अवैध निमार्णों को नियमानुसार वैध करने का रास्ता साफ हो गया है. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की ओर से मंगलवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है.
पुरानी शमन नीति के अंतर्गत अवैध निर्माण होगा वैध
इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सात अक्टूबर 2020 को सुनाए गए आदेश में शमन नीति 2020 पर स्टे लगा दिया था. उस नीति के तहत कोई भी अवैध निर्माण वैध नहीं किया जा सकता था. इसके साथ ही सरकार ने एहतियातन पुरानी शमन नीति के तहत भी अवैध निमार्णों की कंपाउंडिंग रोक दी थी. इस वजह से पूरे प्रदेश में ऐसे हजारों नक्शे फंसे हुए थे और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अकेले एलडीए और आवास परिषद लखनऊ में ही ऐसे हजारों प्रकरण लंबित थे. मानचित्र शमनीय न होने से काफी सिफारिशें उच्चाधिकारियों के पास आ रही थीं.
प्रमुख सचिव ने जारी किया है आदेश
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में उल्लेख किया गया है कि इस संबंध में मुख्य महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश से जब इस संबंध में उनकी विधिक राय मांगी गई तो उन्होंने पुरानी शमन नीति से नक्शे पास करने में कोई भी विधिक अड़चन नहीं बताई, जिसके बाद शमन नीति 2020 की 20 फरवरी को अवधि स्टे में ही समाप्त हो जाने के बाद अब शमन नीति 2010 को दोबारा लागू कर दिया गया है.