लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष और मशहूर समाजसेवी शाइस्ता अंबर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्लामी आतंकवाद वाले बयान पर सख्त एतराज जताया है. शाइस्ता अंबर ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी तस्वीर के दौरान एक विशेष समुदाय के लिए जो अपने विचारों को बताया है, उससे हमें और बहुत से धर्मनिरपेक्ष लोगों को तकलीफ पहुंची है. उन्होंने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं.
जानिए मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष ने क्या कुछ कहा
शाइस्ता अंबर ने अपने जारी किए हुए बयान में कुछ समय पहले देश के पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में एक प्रोग्राम के दौरान मुलाकात को इतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के इस्लामिक आतंकवाद वाले शब्द की कड़े लफ्जों में निंदा भी की. शाइस्ता अंबर ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है हर धर्म अमन शांति है सत्य दया क्षमा मानव प्रेम आपसी सौहार्द की शिक्षा देता है.
शाइस्ता अंबर ने अपने जारी किए हुए बयान में डोनाल्ड ट्रंप से सवाल किया कि जर्मनी की मस्जिद में इबादत कर रहे लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले कौन थे, म्यांनमार में हजारों बेकसूर औरतों मर्दे और छोटे बच्चों की किसने हत्या की,केरल में चर्च में इबादत कर रहे निहत्थे का हत्यारा कौन था और इराक अफगानिस्तान फिलिस्तीन यमन सीरिया वगैरह में होने वाली आए दिन हत्याओं का जिम्मेदार कौन है? और इन सब को हथियार कौन बेचता है और खरीदता है? यह सच सब जानते हैं.
मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष ने की सीएम योगी की तारीफ
शाइस्ता अंबर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए तलाकशुदा औरतों को 6 हजार रुपये हर साल देने और कोर्ट में मुफ्त में वकील देने की बात को अच्छी पहल बताया है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि तलाकशुदा औरतों के लिए 6 हजार रुपये महीने की मदद की जाए और कोशिश यह की जाए कि ये महिलाएं रोजगार से जुड़ें. शाइस्ता अंबर ने योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए अपने बयान में कहा कि बिहार सरकार की तर्ज पर किसी भी धर्म समुदाय की तलाकशुदा, अनाथ पीड़ित महिला को 50% आरक्षण सरकारी गैर सरकारी सेवाओं के हर क्षेत्र में दिया जाए.