लखनऊः पीडब्ल्यूडी में लागू किए गये प्रहरी एप को रोल मॉडल बनाया जाएगा. इस ऐप का इस्तेमाल केवल उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में किया जा रहा है. इस बात की जानकारी उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दी. उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन से निविदा प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आएगी.
विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता जरूरी
लोक निर्माण विभाग के निविदा संबंधी कार्यों में पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से लागू किए गये प्रहरी ऐप की चर्चा पूरे देश में हो रही है. नीति आयोग ने भी प्रहरी ऐप का संज्ञान लिया है. इस तरह की चर्चाओं को बल मिल रहा है कि क्यों न इसे देश के सभी राज्यों के लोक निर्माण विभाग और इससे जुड़े विभागों में लागू किया जाए. इससे निविदा प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सकेगी.
लोक निर्माण विभाग के सचिव देंगे प्रेजेंटेशन
लोक निर्माण विभाग के सचिव समीर वर्मा प्रहरी ऐप की खूबियों, विशेषताओं की जानकारी देने के उद्देश्य से 19 जनवरी 2021 को मुख्यालय कमांड सेंटर से प्रेजेन्टेशन देंगे. लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ये प्रेजेंटेशन वर्चूअल होगा. जिसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक निर्माण सहित अन्य जुड़े विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, नीति आयोग के डायरेक्टर, सीपीडब्लूडी के जनरल डायरेक्टर, एनआईसी के जनरल डायरेक्टर, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के जनरल डायरेक्टर के अलावा संयुक्त सचिव मौजूद रहेंगे.
प्रहरी एप से तकनीकी बिड का होता है मूल्यांकन
एनआईसी के माध्यम से लांच किए गये प्रहरी एप से तकनीकी बिड का मूल्यांकन साॅफ्टवेयर से ऑनलाइन होता है. इस एप का उद्देश्य ये भी है कि कोई भी ठेकेदार अपनी बिड कैपेसिटी से ज्यादा का काम नहीं ले सकता है. इससे दूसरे नए ठेकेदारों को काम करने का अवसर प्राप्त होता है. लोक निर्माण विभाग में लागू चाणक्य एप से सभी भुगतान ऑनलाइन अपडेट होते रहते हैं.