लखनऊः चारबाग रेलवे स्टेशन (Char Bagh railway station) पर आरएमएस ने रेलवे की जमीन कब्जा रखी है. जिसका किराया तक नहीं दिया जाता. ऐसे ही अन्य रेलवे स्टेशनों पर जहां यात्री सुविधाएं बढ़ाई जानी थी. वहां की जमीनें कब्जे में हैं. अनुमान के मुताबिक 40 करोड़ रुपये के आसपास रेलवे का बकाया था. जिसमें से सिर्फ आधा वसूलने में रेलवे सफल हो पाया है.
उत्तर रेलवे का डाक विभाग (Postal Department of Northern Railway) पर करोड़ों का कर्ज बकाया है. रेलवे प्रशासन बकाया वसूलने के लिए लगातार प्रयास में जुटा है. डाक विभाग बकाया चुकाने में देरी कर रहा है. अभी तक लगभग 40 करोड़ रुपए का बकाया चारबाग रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर स्थित डाक विभाग के रेल मेल सेवा (आरएमएस) पर था. लेकिन काफी कोशिश के बाद अब 20 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. जबकि अभी भी करीब 20 करोड़ रुपये किराए का बकाया है. उत्तर रेलवे प्रशासन इस बकाए भुगतान के लिए जुट गया है. इससे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के कार्य किए जाएंगे. ट्रेनों से पार्सल, स्पीड पोस्ट, चिट्ठियां वगैरह दूसरे जिलों, प्रदेशों आदि में भेजा जाता है. इसके लिए डाक विभाग की तरफ से रेलवे स्टेशनों पर रेल मेल सेवा (आरएमएस) बनाए गए हैं. जहां कर्मचारी पार्सलों, लेटरों आदि की लोडिंग-अनलोडिंग करते हैं. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन की जमीन पर बने इन आरएमएस के एवज में डाक विभाग से किराया भी तय किया गया. लेकिन, खास बात यह है कि लंबे समय तक डाक विभाग की तरफ से रेलवे को किराया दिया ही नहीं गया. रेलवे की ओर से इसकी जांच भी कराई गई. जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर बने 16 रेल मेल सेवा (आएमएस) पर तकरीबन 40 करोड़ रुपये की बकाएदारी थी. रेलवे की ओर से डाक विभाग के अफसरों से हुए पत्राचार के बाद कुछ भुगतान भी हुआ. लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने बचे हुए भुगतान को भी वसूलने के प्रयास शुरू हो गए हैं.
उत्तर रेलवे लखनऊ (Northern Railway Lucknow) मंडल के रेल प्रबंधक (Railway Manager of Lucknow Division) सुरेश कुमार सपरा का कहना है कि आरएमएस के लिए डाक विभाग से किराया लिया जाता है. विभाग पर जो बकाया था, उसमें करीब आधी धनराशि जमा करवाई गई. शेष के लिए भी बातचीत की जा रही है.
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