लखनऊ : प्रदेश के सभी पॉलिटेक्निक्स में 7 जनवरी से प्रस्तावित सेमेस्टर परीक्षाएं अपने निर्धारित समय पर नहीं हो पाएंगी. प्राविधिक शिक्षा परिषद (Council of Technical Education) ने परीक्षाओं को 20 दिन आगे बढ़ाने का तैयारी कर ली है. अधिकारियों का कहना है कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में दिसंबर 2022 की विषम सेमेस्टर की परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया में विलंब हो रहा है. इसके कारण परीक्षाएं देरी से शुरू होंगी. परिषद ने इसके पीछे की वजह शासन द्वारा परीक्षा के लिए हर साल बने वाले केंद्रों की जांच करना बताया जा रहा है. शासन सालों से बनते आ रहे परीक्षा केंद्रों के मानकों की जांच करा रहा है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही परीक्षाएं आयोजित होंगी.
31 दिसंबर तक मांगी गई थी आपत्ति : प्रदेश के 1440 पॉलिटेक्निक संस्थाओं में करीब सवा दो लाख छात्रों को दिसंबर में होने वाले सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होना था. इसके लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से 21 दिसंबर को वेबसाइट पर परीक्षा शेड्यूल की सूचना जारी किया था. जिसके अनुसार 7 जनवरी से विषम सेमेस्टर परीक्षा, विशेष बैक पेपर परीक्षा और मल्टी पॉइंट क्रेडिट सिस्टम परीक्षा कराए जाने से संबंधित संभावित परीक्षा सूची जारी की गई थी. सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि व आपत्ति होने पर 31 दिसंबर तक जानकारी मांगी गई थी. परिषद को उम्मीद थी कि आपत्तियों का निस्तारण कराने के बाद 7 जनवरी से परीक्षाएं शुरू करा दी जाएंगी. इसको लेकर लगभग तैयारियां भी कर ली गई थीं.
15 दिनों में समिति को शासन को देनी है रिपोर्ट : परीक्षा शुरू होती इससे पहले ही उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव सुभाषचंद्र शर्मा की ओर से 26 दिसंबर को एक आदेश जारी किया गया. जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन कर सभी परीक्षा केंद्रों की जांच की जाएगी. जांच रिपोर्ट को 15 दिन में शासन को प्रेषित करना होगा है. इस समिति में जिला विद्यालय निरीक्षक और जिलाधिकारी द्वारा नामित आईटीआई के प्रधानाचार्य को सदस्य और जिले की नोडल पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य को सचिव बनाया गया है. इसके बाद ही परीक्षा केंद्रों की फाइनल सूची जारी की जा सकेगी.
हर बार सेंटर बनाने की प्रक्रिया में होती है गड़बड़ी : हर बार प्राविधिक शिक्षा परिषद (Council of Technical Education) के सेंटर बनाने की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी सामने आती है. खासतौर पर पूर्वांचल के कुछ जिलों जैसे आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ व बलिया जैसे जिलों में केंद्र बनाने के लिए जो मानक तय हैं. वह पूरे नहीं होते हैं. साथ ही कई बार एक जिले का सेंटर दूसरे जिले में भेज दिया जाता है. इसे परीक्षा शुरू होने तक विभाग आपत्तियां मिलती रहती हैं. परिषद के सचिव एफआर खान ने बताया कि अब जनवरी के अंतिम सप्ताह में परीक्षा कार्यक्रम जारी किए जाने की उम्मीद है. अभी पूरे प्रदेश में परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. ऐसे में सभी विद्यार्थियों से परीक्षाओं की तैयारी करने की अपील की गई है.
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