लखनऊ : यूपी में अब डीजी रैंक अधिकारी से लेकर सिपाही सोशल मीडिया में रील नही बना सकेंगे. डीजीपी डीएस चौहान ने विभिन्न देशों का अध्ययन करने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में सोशल मीडिया पॉलिसी लागू कर दी है. इसमें सबसे खास यह है कि सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग पुलिस अधिकारियों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक यह प्रतिबंध लागू किया गया है. पुलिस के अनुसार, वर्दी में रील बनाने, चैटिंग करने या वर्दी में कार्य के समय बिना वजह फोटो डालने पर भी रोक लगाई गई है. उत्तर प्रदेश में यह पॉलिसी लागू करने से पहले विभिन्न संस्थाओं से न केवल चर्चा की गई, बल्कि राज्यों के साथ ही विभिन्न देशों कि सोशल मीडिया नियमावली का भी अध्ययन किया गया. डीजीपी उत्तर प्रदेश ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा है कि 'खासतौर से जिला स्तर पर भी गंभीरता से इसका पालन हो.'
सोशल मीडिया पर इन गतिविधियों पर रहेगा प्रतिबंध
- सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है, इसलिए राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- कार्य के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो, रील इत्यादि बनाने या किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित किया जाता है.
- ड्यूटी के बाद भी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबंधित किया जाता है.
- थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल, फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है. कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो, रील इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट, वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है. इसलिए सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चौट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना होगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन, आय प्राप्त नहीं करेंगे. जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये. (उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम-15 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद, सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है.
- किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा.
- किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर, किशोरी तथा किशोर आरोपित, दोषी (जुवेनाइल ऑफेंडर्स) की पहचान अथवा नाम सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक,अवांछित, गैरसामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो.
- पुलिस के “सराहनीय कार्य" से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो, वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट, साझा की जायेगी.
- पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किये हुए फोटो, वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी.
- गश्त, पेट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र में मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो, वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी.
- पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र, वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए, पुलिस कार्मिक के परिजन, मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो, फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों, व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो, वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट, साझा नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों, व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो, वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट, साझा नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध एवं किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी, प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा.
- पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी भी वाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे.
- पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इंटरनेट, वाईफाई, आईपी एड्रेस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा.
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो, वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा एवं किसी भी अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि के लिए फैक्ट चेक के लिये ट्विटर हैण्डिल @UPPViralCheck फेसबुक पेज @UPPFactCheck एवं इन्स्टाग्राम एकाउंट @UPPFactCheck पर जानकारी किये जाने के साथ-साथ मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है.
- पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड, साझा नहीं किया जायेगा. कार्मिकों द्वारा अपनी सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण के लिए विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पोल, वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जाएगा न ही उक्त संबंध में कोई टिप्पणी की जाएगी.
इन गतिविधियों पर नहीं होगी रोक
- पुलिस कार्मिकों द्वारा एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउन्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं. इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है. सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो, वीडियो को अपने व्यतिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है.
- पुलिस कार्मिक, राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों जैसे वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं.
- पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट, शेयर, लाइक, कमेन्ट किया जा सकता है.
उल्लंघन करने पर होगी यह करवाई
- "सोशल मीडिया पॉलिसी" के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आने पर सक्षम अधिकारी द्वारा उल्लंघन करने वाले कार्मिक के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करके, कार्यवाही से अपने पर्यवेक्षण अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा.
- सोशल मीडिया के संदर्भ में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की काडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश निर्गत किये गये हैं. उक्त दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त उप्र पुलिस की सोशल मीडिया पाॅलिसी-2023 का पालन करना भी अनिवार्य होगा. निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही प्रचलित की जायेगी.
Social Media Policy : पुलिस वाले अब नहीं बना सकेंगे फेसबुक-इंस्टाग्राम पर रील, डीजीपी ने जारी की सोशल मीडिया पॉलिसी - UP News
डीजीपी डीएस चौहान (DGP DS Chauhan) ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी (Social Media Policy) लागू करते हुए इसे जिला स्तर पर भी कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं.
लखनऊ : यूपी में अब डीजी रैंक अधिकारी से लेकर सिपाही सोशल मीडिया में रील नही बना सकेंगे. डीजीपी डीएस चौहान ने विभिन्न देशों का अध्ययन करने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में सोशल मीडिया पॉलिसी लागू कर दी है. इसमें सबसे खास यह है कि सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग पुलिस अधिकारियों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक यह प्रतिबंध लागू किया गया है. पुलिस के अनुसार, वर्दी में रील बनाने, चैटिंग करने या वर्दी में कार्य के समय बिना वजह फोटो डालने पर भी रोक लगाई गई है. उत्तर प्रदेश में यह पॉलिसी लागू करने से पहले विभिन्न संस्थाओं से न केवल चर्चा की गई, बल्कि राज्यों के साथ ही विभिन्न देशों कि सोशल मीडिया नियमावली का भी अध्ययन किया गया. डीजीपी उत्तर प्रदेश ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा है कि 'खासतौर से जिला स्तर पर भी गंभीरता से इसका पालन हो.'
सोशल मीडिया पर इन गतिविधियों पर रहेगा प्रतिबंध
- सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है, इसलिए राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- कार्य के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो, रील इत्यादि बनाने या किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित किया जाता है.
- ड्यूटी के बाद भी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबंधित किया जाता है.
- थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल, फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है. कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो, रील इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट, वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है. इसलिए सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है.
- पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चौट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना होगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन, आय प्राप्त नहीं करेंगे. जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये. (उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम-15 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद, सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है.
- किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा.
- किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर, किशोरी तथा किशोर आरोपित, दोषी (जुवेनाइल ऑफेंडर्स) की पहचान अथवा नाम सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा.
- सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक,अवांछित, गैरसामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो.
- पुलिस के “सराहनीय कार्य" से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो, वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट, साझा की जायेगी.
- पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किये हुए फोटो, वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी.
- गश्त, पेट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र में मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो, वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी.
- पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र, वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए, पुलिस कार्मिक के परिजन, मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो, फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों, व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो, वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट, साझा नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों, व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो, वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट, साझा नहीं किया जायेगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध एवं किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी, प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा.
- पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी भी वाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे.
- पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इंटरनेट, वाईफाई, आईपी एड्रेस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा.
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो, वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा एवं किसी भी अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि के लिए फैक्ट चेक के लिये ट्विटर हैण्डिल @UPPViralCheck फेसबुक पेज @UPPFactCheck एवं इन्स्टाग्राम एकाउंट @UPPFactCheck पर जानकारी किये जाने के साथ-साथ मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है.
- पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड, साझा नहीं किया जायेगा. कार्मिकों द्वारा अपनी सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण के लिए विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पोल, वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जाएगा न ही उक्त संबंध में कोई टिप्पणी की जाएगी.
इन गतिविधियों पर नहीं होगी रोक
- पुलिस कार्मिकों द्वारा एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउन्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं. इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है. सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा.
- पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो, वीडियो को अपने व्यतिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है.
- पुलिस कार्मिक, राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों जैसे वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं.
- पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट, शेयर, लाइक, कमेन्ट किया जा सकता है.
उल्लंघन करने पर होगी यह करवाई
- "सोशल मीडिया पॉलिसी" के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आने पर सक्षम अधिकारी द्वारा उल्लंघन करने वाले कार्मिक के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करके, कार्यवाही से अपने पर्यवेक्षण अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा.
- सोशल मीडिया के संदर्भ में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की काडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश निर्गत किये गये हैं. उक्त दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त उप्र पुलिस की सोशल मीडिया पाॅलिसी-2023 का पालन करना भी अनिवार्य होगा. निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही प्रचलित की जायेगी.