लखनऊ: राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिकंदर बाग के पास रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची अलका की मौत की गुत्थी सुलझ गई है. अलका की मौत न ही हत्या थी और न ही आत्महत्या. अलका की मौत एक एक्सीडेंट के चलते हुई थी.
डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह ने बताया कि अलका और उसके भाई के बीच में झगड़ा हो गया था, जिसके बाद अलका ने अपने भाई को धमकाते हुए कहा कि अगर वह उसे मारेगा तो वह फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेगी.
लेकिन, अलका के धमकाने के बाद भी छोटे भाई ने बहन को बर्तन फेका कर मारा, जिसके बाद अलका ने डराने के लिए से दुपट्टा लेकर फांसी लगाने का प्रयास किया. इसी बीच भाई ने बहन को बचाने का प्रयास किया और दुर्घटना के चलते फांसी लग गई और 8 वर्षीय अलका की मौत हो गई.
इसके बाद छोटे भाई ने डर के मारे इस पूरी घटना को अपनी बुआ को बताया. बुआ ने पुलिस के डर से यह बात छुपा ली. लेकिन पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद सक्रियता दिखाते हुए शव का पोस्टमार्टम कराया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने की बात निकलकर सामने आई, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए अज्ञात के खिलाफ धारा 302 हत्या के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने पूछताछ की तो इस बात का खुलासा हुआ.
मंगलवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिकंदर बाग चौराहे के पास रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची का शव फंदे से लटका हुआ पाया गया था. जिसके बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले शव का पोस्टमार्टम कराया. पोस्टमार्टम में रिपोर्ट गला दबाने की आई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने संवेदनशीलता और सूझबूझ का परिचय देते हुए पूछताछ की, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि छोटे भाई के साथ झगड़े के बाद अलका फांसी लगाने की धमकी दे रही थी, जिस दौरान यह दुर्घटना हो गई और दुपट्टे से गला दबने के चलते अलका की मौत हो गई.