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जाति धर्म से बचे तो आज के सिद्धांतवादी, कल चन्द चांदी के सिक्कों में बिक जाएंगे : ओम् नीरज

लखनऊ में ईटीवी भारत ने चुनावों और नेताओं को लेकर कवियों से बातचीत की जहां कवियों ने उनपर जमकर तंज कसे. इन्होंने कविताओं के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरुक किया. कवियों ने लोगों को राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर मतदान करने के लिए कहा.

कवियों ने मतदाताओं से मतदान की अपील की
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Published : Apr 20, 2019, 3:22 PM IST

लखनऊ : लोकसभा चुनावों का आगाज हो चुका है. हर एक व्यक्ति की निगाहें और रुझान चुनावों की तरफ है. ऐसे में ईटीवी ने चुनावों को लेकर कुछ कवियों से बातचीत करके उनकी राय जानने की कोशिश की. इन कवियों ने धर्म-जाति से उपर उठकर मतदान करने और राजनीतिक पार्टियों के बिगड़े बोल लेकर अपनी कविताओं के माध्यम से अपनी बात रखी.

कवियों ने मतदाताओं से मतदान की अपील की

क्या कहा इन कवियों ने?


  • इसके साथ ही सभी ने लोगों से सही उम्मीदवार को मत देने की अपील भी की है.
  • वरिष्ठ कवि ओम नीरज जी का कहना है कि प्रेम और अहिंसा में ही राष्ट्र का हित है.
  • इन्होंने मतदाताओं को राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही मतदान करने की अपील की है.
  • राजनीतिक पार्टियां जाति धर्म को ऊपर रखकर मतदाताओं को भ्रमित करती हैं जिससे देश का नुकसान होता है.
  • वरिष्ट कवि नीरज ने अपनी इन चन्द लाईनो के माध्यम से मतदाता और नेताओं पर तंज कसे
  • राष्ट्रवादी कहते हैं सब,
  • किन्तु हो चुनाव जब, जाति धर्म देख-देख बटन दबाएंगे,
  • जाति धर्म से बचे तो आज के सिद्धांतवादी
  • कल चन्द चांदी के सिक्कों में बिक जाएंगे
  • बोएंगे बबूल और चाहेंगे रसीले आम
  • ऐसे मतदाता नाव देश की डूबाएंगे

कवयित्री प्रतिभा गुप्ता का कहना है कि धर्म से ऊपर उठकर मतदान करना हमारे देश के लिए जरूरी है.
इन कवियों ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रतिभा ने कुछ छंद पढ़कर भी सुनाए.इसके अलावा युवा कवि अभिषेक कटियार ने चुनावों और मतदान को लेकर लिखी अपनी कविता पढ़कर सुनाई. उन्होंने कहा कि विकास ही चुनाव का अहम मुद्दा होना चाहिए. तभी देश का भला हो सकता है.

लखनऊ : लोकसभा चुनावों का आगाज हो चुका है. हर एक व्यक्ति की निगाहें और रुझान चुनावों की तरफ है. ऐसे में ईटीवी ने चुनावों को लेकर कुछ कवियों से बातचीत करके उनकी राय जानने की कोशिश की. इन कवियों ने धर्म-जाति से उपर उठकर मतदान करने और राजनीतिक पार्टियों के बिगड़े बोल लेकर अपनी कविताओं के माध्यम से अपनी बात रखी.

कवियों ने मतदाताओं से मतदान की अपील की

क्या कहा इन कवियों ने?


  • इसके साथ ही सभी ने लोगों से सही उम्मीदवार को मत देने की अपील भी की है.
  • वरिष्ठ कवि ओम नीरज जी का कहना है कि प्रेम और अहिंसा में ही राष्ट्र का हित है.
  • इन्होंने मतदाताओं को राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही मतदान करने की अपील की है.
  • राजनीतिक पार्टियां जाति धर्म को ऊपर रखकर मतदाताओं को भ्रमित करती हैं जिससे देश का नुकसान होता है.
  • वरिष्ट कवि नीरज ने अपनी इन चन्द लाईनो के माध्यम से मतदाता और नेताओं पर तंज कसे
  • राष्ट्रवादी कहते हैं सब,
  • किन्तु हो चुनाव जब, जाति धर्म देख-देख बटन दबाएंगे,
  • जाति धर्म से बचे तो आज के सिद्धांतवादी
  • कल चन्द चांदी के सिक्कों में बिक जाएंगे
  • बोएंगे बबूल और चाहेंगे रसीले आम
  • ऐसे मतदाता नाव देश की डूबाएंगे

कवयित्री प्रतिभा गुप्ता का कहना है कि धर्म से ऊपर उठकर मतदान करना हमारे देश के लिए जरूरी है.
इन कवियों ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रतिभा ने कुछ छंद पढ़कर भी सुनाए.इसके अलावा युवा कवि अभिषेक कटियार ने चुनावों और मतदान को लेकर लिखी अपनी कविता पढ़कर सुनाई. उन्होंने कहा कि विकास ही चुनाव का अहम मुद्दा होना चाहिए. तभी देश का भला हो सकता है.

Intro:लखनऊ। चुनावी मौसम के नजदीक आ रहे हैं वैसे ही लोगों का रुझान भी चुनाव में खड़े उम्मीदवारों और अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के प्रति बढ़ रहा है ऐसे में ईटीवी भारत में कुछ कमियों से बातचीत की इन कवियों ने अपनी बातचीत धर्म जाति से परे हटकर मत करने और राजनीतिक पार्टियों के चुनावी बोल के बारे में कविताओं के माध्यम से अपनी बात रखी।


Body:वीओ1
चुनावी मौसम में जब हमने कवियों से बात की तो सभी ने जाति धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रहित के लिए मतदान करने की बात की। इसके साथ ही सभी ने लोगों से सही उम्मीदवार को मत देने की अपील भी की। वरिष्ठ कवि ओम नीरज जी का कहना है कि राष्ट्रहित प्रेम और अहिंसा से बना हुआ है और सभी मतदाताओं को राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर ही मतदान करना चाहिये। राजनीतिक पार्टियां जाति धर्म को ऊपर रखकर मतदाताओं को भ्रमित करती हैं और इस भ्रम के जाल में नुकसान से देश का होता है। इसी कड़ी में कवयित्री प्रतिभा गुप्ता का कहना है की धर्म से ऊपर उठकर मत करने की बात बिल्कुल सही भी है और हमारे देश के लिए जरूरी भी है। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रतिभा ने कुछ छंद पढ़कर भी सुनाए। इसके अलावा युवा कवि अभिषेक कटियार ने चुनावी मौसम और मतदान को लेकर लिखी अपनी कविता पढ़कर सुनाई जिसमें उन्होंने विकास को शामिल किया। उन्होंने कहा कि विकास ही चुनाव का अहम मुद्दा होना चाहिए तभी देश का भला हो सकता है।



Conclusion:अपनी कविताओं और मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कवियों की बात न केवल सही है बल्कि सोचने योग्य भी है। हमारे एक सही मत से ही न केवल सही सरकार बल्कि राष्ट्र का भी सही निर्माण किया जा सकता है।

बाइट- कवि ओम नीरव, प्रतिभा गुप्ता और अभिषेक कटियार

रामांशी मिश्रा
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