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यूपी में पूरब से लेकर पश्चिम तक गर्मी में बिजली कटौती से लोगों को मिलेगी राहत, तैयार हो रहे ट्रांसमिशन उपकेंद्र - बिजली संकट राहत तैयारी

यूपी में इस बार लोगों को बिजली संकट (power crisis relief preparation) से नहीं जूझना पड़ेगा. विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है. इसके लिए ट्रांसमिशन उपकेंद्र तैयार कराए जा रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 8:12 AM IST

लखनऊ : इस बार गर्मी में प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. लखनऊ समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के लाखों लोगों को हर साल बिजली कटौती से जूझना पड़ता है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लगातार नए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण करा रहा है. ये सभी जनवरी 2024 तक तैयार हो जाएंगे. इससे पूरे सूबे के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.

गर्मी में लोगों को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा.
गर्मी में लोगों को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा.

अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का हो रहा निर्माण : हर साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है. बिजली के लिए त्राहि त्राहि मचती है. कई बार पसीने से तर-बतर उपभोक्ता आपा खो देते हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों से मारपीट तक की नौबत आ जाती है. गर्मी में बिजली आपूर्ति कानून के लिए चुनौती साबित होती है. हर बार सरकार की तरफ से भरपूर बिजली के दावे किए जाते हैं लेकिन हकीकत इससे इतर होती है. हर बार उत्पादन की तुलना में बिजली मांग बढ़ती जाती है. इससे पावर कॉरपोरेशन की सांसें फूल जाती हैं. लगातार बढ़ रही बिजली मांग को ध्यान में रखते हुए अब नए यूपेंड्रॉन के निर्माण पर पूरा फोकस किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन को नए उपकेंद्रों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का निर्माण भी कराया जा रहा है. इन उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई जल्द ही शुरू हो जाएगी. इससे इस बार की गर्मी में लोगों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

जनवरी तक ट्रांसमिशन उपकेंद्र तैयार हो जाएंगे.
जनवरी तक ट्रांसमिशन उपकेंद्र तैयार हो जाएंगे.

15 से 16 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ : इस बार प्रदेश भर में 3000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य जनवरी तक ही निर्धारित किया गया है. इसमें से लखनऊ जोन में 28 उपकेंद्र इसी माह के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे. इनमें 400 केवीए, 220 केवीए और 132 केवीए के उपकेंद्र शामिल हैं. पावर ट्रांसमिशन व उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि इन उपकेंद्रों के निर्माण से अगले साल जनवरी माह तक प्रदेश में लाखों की आबादी को सहूलियत मिलेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि 15 से 16 लाख उपभोक्ता ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के काम के चलते लाभान्वित होंगे.

लखनऊ के आसपास की दो लाख की आबादी को मिलेगी राहत : लखनऊ की बात करें तो मोहनलालगंज में 400 केवीए ट्रांसमिशन उपकेंद्र पीपीपी मॉडल पर तैयार हो रहा है जो जनवरी तक चालू हो जाएगा. इससे लखनऊ के आसपास के दो लाख लोगों को बिजली संकट से मुक्ति मिलेगी. मोहनलालगंज में तैयार हो रहे हैं इस 400 केवीए ट्रांसमिशन उपकेंद्र से 220 केवीए और 132 केवीए उपकेंद्रों को सप्लाई होगी जिससे बड़ी आबादी को बिजली संकट से बड़ी राहत मिलेगी. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक उपभोक्ताओं को बिजली के लिए तरसना नहीं पड़ेगा.

प्रदेश के इन क्षेत्रों में तैयार हो रहे उपकेंद्र : मथुरा में 220 केवीए, महराजगंज के निचलौल में 220 केवीए, यमुना एक्सप्रेस वे जलपुरा ग्रेटर नोएडा में 220 केवीए, नॉलेज पार्क ग्रेटर नोएडा 220 केवीए, पडरौना 132 केवीए, गोरखपुर में 220 केवीए, चंदौली 400 केवीए, मोहनलालगंज 400 केवीए पीपीपी मॉडल पर.

प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद ने कई जानकारियां साझा कीं.
प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद ने कई जानकारियां साझा कीं.

28 उपकेंद्रों से जनवरी तक बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी : उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद का कहना है कि आने वाली गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए लगातार ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण कराया जा रहा है. दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक 11 उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई भी शुरू हो जाएगी. 28 उपकेंद्रों से जनवरी माह तक बिजली सप्लाई प्रारंभ होगी. गर्मी आते-आते 1500 से 3000 मेगावाट क्षमता के उपकेंद्र बिजली सप्लाई के लिए तैयार होंगे जो उपभोक्ताओं को बिजली संकट से बड़ी राहत प्रदान करेंगे.

यह भी पढ़ें : यूपी में बिजली की उपलब्धता के सरकारी दावों और हकीकत में है बड़ा अंतर, गांवों की आपूर्ति बदहाल

लखनऊ : इस बार गर्मी में प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. लखनऊ समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के लाखों लोगों को हर साल बिजली कटौती से जूझना पड़ता है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लगातार नए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण करा रहा है. ये सभी जनवरी 2024 तक तैयार हो जाएंगे. इससे पूरे सूबे के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.

गर्मी में लोगों को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा.
गर्मी में लोगों को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा.

अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का हो रहा निर्माण : हर साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है. बिजली के लिए त्राहि त्राहि मचती है. कई बार पसीने से तर-बतर उपभोक्ता आपा खो देते हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों से मारपीट तक की नौबत आ जाती है. गर्मी में बिजली आपूर्ति कानून के लिए चुनौती साबित होती है. हर बार सरकार की तरफ से भरपूर बिजली के दावे किए जाते हैं लेकिन हकीकत इससे इतर होती है. हर बार उत्पादन की तुलना में बिजली मांग बढ़ती जाती है. इससे पावर कॉरपोरेशन की सांसें फूल जाती हैं. लगातार बढ़ रही बिजली मांग को ध्यान में रखते हुए अब नए यूपेंड्रॉन के निर्माण पर पूरा फोकस किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन को नए उपकेंद्रों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का निर्माण भी कराया जा रहा है. इन उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई जल्द ही शुरू हो जाएगी. इससे इस बार की गर्मी में लोगों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

जनवरी तक ट्रांसमिशन उपकेंद्र तैयार हो जाएंगे.
जनवरी तक ट्रांसमिशन उपकेंद्र तैयार हो जाएंगे.

15 से 16 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ : इस बार प्रदेश भर में 3000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य जनवरी तक ही निर्धारित किया गया है. इसमें से लखनऊ जोन में 28 उपकेंद्र इसी माह के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे. इनमें 400 केवीए, 220 केवीए और 132 केवीए के उपकेंद्र शामिल हैं. पावर ट्रांसमिशन व उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि इन उपकेंद्रों के निर्माण से अगले साल जनवरी माह तक प्रदेश में लाखों की आबादी को सहूलियत मिलेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि 15 से 16 लाख उपभोक्ता ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के काम के चलते लाभान्वित होंगे.

लखनऊ के आसपास की दो लाख की आबादी को मिलेगी राहत : लखनऊ की बात करें तो मोहनलालगंज में 400 केवीए ट्रांसमिशन उपकेंद्र पीपीपी मॉडल पर तैयार हो रहा है जो जनवरी तक चालू हो जाएगा. इससे लखनऊ के आसपास के दो लाख लोगों को बिजली संकट से मुक्ति मिलेगी. मोहनलालगंज में तैयार हो रहे हैं इस 400 केवीए ट्रांसमिशन उपकेंद्र से 220 केवीए और 132 केवीए उपकेंद्रों को सप्लाई होगी जिससे बड़ी आबादी को बिजली संकट से बड़ी राहत मिलेगी. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक उपभोक्ताओं को बिजली के लिए तरसना नहीं पड़ेगा.

प्रदेश के इन क्षेत्रों में तैयार हो रहे उपकेंद्र : मथुरा में 220 केवीए, महराजगंज के निचलौल में 220 केवीए, यमुना एक्सप्रेस वे जलपुरा ग्रेटर नोएडा में 220 केवीए, नॉलेज पार्क ग्रेटर नोएडा 220 केवीए, पडरौना 132 केवीए, गोरखपुर में 220 केवीए, चंदौली 400 केवीए, मोहनलालगंज 400 केवीए पीपीपी मॉडल पर.

प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद ने कई जानकारियां साझा कीं.
प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद ने कई जानकारियां साझा कीं.

28 उपकेंद्रों से जनवरी तक बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी : उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद का कहना है कि आने वाली गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए लगातार ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण कराया जा रहा है. दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक 11 उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई भी शुरू हो जाएगी. 28 उपकेंद्रों से जनवरी माह तक बिजली सप्लाई प्रारंभ होगी. गर्मी आते-आते 1500 से 3000 मेगावाट क्षमता के उपकेंद्र बिजली सप्लाई के लिए तैयार होंगे जो उपभोक्ताओं को बिजली संकट से बड़ी राहत प्रदान करेंगे.

यह भी पढ़ें : यूपी में बिजली की उपलब्धता के सरकारी दावों और हकीकत में है बड़ा अंतर, गांवों की आपूर्ति बदहाल

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