लखनऊ : देश में ओमीक्रोन के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग भी ऐलान कर चुका है कि कोरोना से बचना है. तो मास्क और वैक्सीनेशन जरूरी है. अगर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लिए हैं फिर भी आपको मास्क हर हाल में लगाना चाहिए, लेकिन लखनऊ वासी हैं कि मानते नहीं. देखने पर ऐसा लगता है कि लखनऊ में 95% जनता मास्क का प्रयोग ही नहीं कर रही है. बाजारों में देखा जा रहा है कि लोग बिना मास्क लगाए खरीदारी कर रहे हैं और भीड़ लगा रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम जब लखनऊ के अमीनाबाद बाजार में पहुंची तो वहां पर देखा कि अधिकतर लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे. आम जनता के अलावा पुलिसकर्मी भी मास्क नहीं लगा रहे. जब एक पुलिसकर्मी से पूछा आपका मास्क कहां है तो बिना सवाल का जवाब दिए वह आगे बढ़ गया. वहीं रिक्शावालों का कहना है कि वे लोग मास्क इस वजह से नहीं लगाते क्योंकि मास्क लगाने से सांस फूलने लगती है. हालांकि उन्हें पता है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के कहर का डर सताने लगा है.
उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन दावे तो बड़े-बड़े करता है कि मास्क ना पहनने वालों पर सख्ती बरती जाएगी, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में अगर कोरोना वायरस से बचना है तो मास्क सबसे जरूरी है. बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक लंबी लाइनें लगी रहती हैं. ऐसे में सख्ती कहीं नजर नहीं आ रही है.
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सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि रात 11:00 बजे से लेकर के सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. यानी कि बिना जरूरत के कोई भी व्यक्ति रात में बाहर नहीं निकल सकेगा. सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं कि आखिर दिन में जिस तरीके से बाजारों में भीड़ को छूट दे दी जाती है और रात में जब दुकानें बंद हो जाती हैं. तब नाइट कर्फ्यू लगाने की बात कही जाती है. अमीनाबाद जैसे बड़े-बड़े बाजारों में मानो भीड़ को देख कोरोना डर जाता है.