लखनऊ: कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों को सबसे अधिक सांस की समस्या हुई. वहीं, अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत से कई लोगों ने दम तोड़ दिया. इससे सबक लेते हुए लोगों ने अब ऑक्सीजन की पूर्ती के लिए अपने घरों में ऑक्सीजन युक्त पौधे लगाना शुरू कर दिया है. इससे नर्ससी में ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधों की मांग बढ़ी है.
शहरवासी ऐसे पौधों की डिमांड कर रहे हैं, जो वातावरण में अधिक प्राणवायु छोड़ते हों. इनमें बोनसाई के बरगद, पाकड़, नीम, प्रेयर, स्पाइडर, स्नेक प्लांट, संसबेरिया, पीस लिली, एरिका, सिफोटिया पाम और तुलसी प्रमुख हैं. वायु शोधक होने के कारण इन पौधों की मांग अधिक है. पिछले साल कोरोना महामारी के बीच में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौधों की जबरदस्त मांग थी, लेकिन इस बार ऑक्सीजन देने वाले पौधों की मांग हो रही है.
पौधों की खरीदारी के लिए नर्सरी पहुंच रहे लोग
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की दिक्कतें हुईं. यहां तक कि अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई. अब लखनऊ के लोग ऑक्सीजन को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं. हर कोई अपनी प्रतिरोधक क्षमता और घरों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाना चाहता है. शहर के लोग मलिहाबाद की नर्सरियों में ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों को खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. लोग अब अपने बेड रूम और घरों तक में ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधे लगा रहे हैं. एरिका पाम, मनी प्लांट, फोस्टर आदि कई ऐसे पौधे हैं जिसकी बिक्री मलिहाबाद की नर्सरी में लगातार बढ़ रही है. नर्सरी संचालकों का कहना है कि कोरोना काल में ऐसे पौधों की बिक्री लगातार बढ़ रही है.
इन पौधों की हो रही अधिक बिक्री
मलिहाबाद में नर्सरी चलाने वाले उमेश यादव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कुछ देर हमलोग नर्सरी खोलते हैं. आजकल एरिका पाम, मनी प्लांट, पीस लिली जैसे पौधे की बिक्री खूब हो रही है. उन्होंने बताया कि कई प्लांट ऐसे भी हैं जो घर के अंदर भी लोग लगाए तो ज्यादा ऑक्सीजन उत्सर्जित करती हैं. स्पाइडर प्लांट, पीस लिली, मनी प्लांट जैसे कई पौधे हैं जिसे खरीदा जा रहा है. उन्होंने बताया कि लोग नर्सरियों में ऐसे पौधों की डिमांड करने लगे हैं, जो वातावरण में अधिक प्राणवायु छोड़ते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीपल, बरगद, नीम, पाकड़ आदि पौधे खरीद रहे हैं. फ्लैट में रहने वाले प्रेयर, स्पाइडर, स्नेक प्लांट, संसबेरिया, पीस लिली, एरिका, सिफोटिका और तुलसी की मांग कर रहे हैं.
इसी के साथ नर्सरी संचालकों को एक और बात की बड़ी राहत है. नर्सरी संचालकों के मुताबिक, अभी तक लोग फूल और फुलवारी वाले पौधों की मांग करते थे, लेकिन अब लोग ऑक्सीजन अधिक देने वाले पौधों की मांग करते हैं. इसके लिए लोग रुपये को लेकर बहस भी नहीं कर रहे हैं. पहले लोग पैधे खरीदने को लेकर मोल-भाव करते थे. मगर अब ग्राहक बिना मोल-भाव किए ही पौधें खरीद रहे हैं.
घरों में पौधे लगाकर करेंगे ऑक्सीजन की पूर्ति
लखनऊ से पौधों की खरीददारी करने आए राजीव तिवारी और रमेश ने बताया कि कोरोना काल में अपने आसपास ऑक्सीजन युक्त वातावरण बनाने के लिए हर समय ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पैधों को यहां से खरीदकर अपने घरों और आसपास के क्षेत्र में लगाएंगे. इससे हमारे घरों और आसपास के इलाके में शुद्ध वातावरण का संतुलन बना रहेगा.
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पहले रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले पौधों की थी डिमांड
जय मां भगवती नर्सरी के संचालक अजय कुमार ने बताया कि पिछले दो-तीन सप्ताह से पौधों की मांग बढ़ी है. पहले पीपल, बरगद के पौधे बहुत कम लोग मांगते थे. बहुत पहले इन पौधों को लोग खरीदा करते थे, लेकिन अब कोरोना की वजह से एक बार फिर इन पौधों की मांग बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि हमारे घर और खेत पर पाकड़, पीपल, तुलसी आदि के कई पेड़ लगे हैं. सभी का कहना है कि यह पौधे अधिक ऑक्सीजन देते हैं. कोरोना की वजह ऑक्सीजन का संकट चल रहा है. इससे पहले लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले पैधों को खरीदने में रूचि दिखाते थे. मगर अब प्रकृति में ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों की मांग कर रहे हैं. इसलिए नर्सरी से पौधे खरीद कर और लगा लिए हैं.