लखनऊः लॉकडाउन की वजह से हर कोई घरों में रहने को मजबूर हैं. इस्लाम धर्म के सबसे बड़े और पाक त्योहार ईद उल फितर पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. लॉकडाउन के चलते अकीदतमंदों ने घरों पर ही रहकर ईद की नमाज अदा की. लाखों अकीदतमंदों से गुलजार रहने वाले ईदगाह मैदान इस बार सुनसान पड़े हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दी ईद-उल-फितर की बधाई
सहारनपुरः जिले की ऐहतियातन ईदगाह के बाहर पीएसी समेत पुलिस का पहरा लगा हुआ है. खास बात यह है कि जिले की इस मुख्य ईदगाह में 1857 ई. से लगातार लाखों रोजेदार नमाज अदा करते आए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है. जब ईदगाह में ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई.
शहर काजी समेत कई मौलाना इस ईदगाह में 1857 ई. से लगातार नमाज अदा कराते आ रहे हैं. शहरकाजी के प्रतिनिधि हाजी शाहिद जुबैरी ने कहा कि 170 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि ईदगाह में नमाज नहीं अदा की गई है. लॉकडाउन के चलते उलेमाओं एवं धर्म गुरुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की लोगों से अपील की थी.
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वाराणसीः ईद के मौके पर मस्जिद और ईदगाह में सन्नाटे का असर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी देखने को मिला. जिले के काशी विद्यापीठ स्थित ईदगाह, नदेसर स्थित मस्जिद और लाट सरैया में बिल्कुल सन्नाटा पसरा था. मस्जिद के गेट पर शायद पहली बार ताला लगा हुआ भी दिखाई दिया.
पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच इन मस्जिदों में सिर्फ प्रशासन की अनुमति के बाद पांच लोगों ने नमाज अदा की. इनमें मस्जिद के इंतजाम देखने वाले लोगों से लेकर अन्य कुछ लोग शामिल थे. जिले में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक दूसरे को ईद की बधाई दे रहे हैं.