लखनऊ : देश में शिशु मृत्युदर कम होने के बजाय बढ़ रही है. इसके पीछे की वजह 10 प्रतिशत जन्मजात बीमारियां हैं. इन बीमारियों का इलाज कर नवजात बच्चों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए सरकार को बच्चों में होने वाले जन्मजात विकृतियों के इलाज के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था करनी होगी. यह कहना है किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) स्थित पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. जेडी रावत का. वह संस्थान में शुक्रवार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स के 58वें स्थापना दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में जानकारी साझा कर रहे थे.
प्रो. जेडी ने बताया कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन्स के स्थापना दिवस को ही पीडियाट्रिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है. उन्होंने बाताया कि नवजात बच्चों के इलाज में आर्थिक समस्या लोगों के सामने आती है. जन्म लेने वाले बच्चें में कोई जन्मजात बीमारी होने पर आयुष्मान कार्ड से लेकर किसी योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं उपलब्ध है. इसलिए नवजात बच्चों के लिए भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे उनको समय रहते इलाज मिल सके. समय पर इलाज मिलने से बच्चों की जान बचाई जा सकेगी.
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