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विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है पंचायत चुनाव, माननीयों की पकड़ और पहुंच की खुलेगी पोल

यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव को राजनीतिक दल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रहे हैं. ये चुनाव राजनीतिक पार्टियों को विधानसभा 2022 का गणित सेट करने में मददगार भी साबित होंगे.

विधान सभा चुनाव का सेमीफाइनल हैं पंचायत चुनाव
विधान सभा चुनाव का सेमीफाइनल हैं पंचायत चुनाव
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Published : Mar 30, 2021, 2:32 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरण में कराने को लेकर अधिसूचना भी जारी की गई और तारीखों का एलान भी कर दिया गया है. दरअसल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रहे पंचायत चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट
राजनीतिक दलों के साथ जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा दांव पर इन पंचायत चुनाव में अच्छी जीत को लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में विधायक व सांसद जैसे माननीयों की भी प्रतिष्ठा लगी हुई है. पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्य चुनाव जिला पंचायत अध्यक्ष ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में समर्थन करने का एलान किया है.

चुनाव परिणाम बताएंगे माननीयों की जनता के बीच पकड़ व पहुंच की हकीकत

ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव परिणाम स्वाभाविक रुप से राजनितिक दलों के साथ-साथ माननीय की अपने क्षेत्र में पकड़ और पहुंच बताने वाले साबित होंगे. माननीय की उनके क्षेत्र में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद चार सालों में कितनी पकड़ और पहुंच बरकरार है इसकी भी यह पंचायत चुनाव के परिणाम पोल खोलने वाले साबित हो सकते हैं.

विधानसभा चुनाव में जीत और रणनीति बनाने में चुनाव परिणाम बनेंगे मददगार

यही नहीं पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी अपनी-अपनी तैयारियों को पिछले काफी समय से करने में ध्यान दे रही हैं. सभी राजनीतिक दलों की तरफ से पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के चयन और टिकट फाइनल करने या तमाम सीटों पर समर्थन देने को लेकर प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है.

सभी पार्टियों में प्रभारी किये गए हैं नियुक्त

कई क्षेत्रों में राज्य सरकार के मंत्रियों को भी प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से पंचायत चुनाव के जो परिणाम होंगे वह राजनीतिक दलों के लिए विधानसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. विधानसभा चुनाव की तैयारियों और चुनाव की रणनीति बनाने में भी यह चुनाव परिणाम काफी मददगार साबित होंगे.

58 हजार पंचायतों के परिणाम देंगे राजनीतिक संदेश


प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतों में होने वाले चुनाव परिणाम से स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चुनाव परिणाम बड़े राजनीतिक संदेश भी देने वाले साबित होंगे. दरअसल केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ से लगातार तमाम दावे किए जा रहे हैं कि ग्रामीण स्तर से लेकर शहरों के स्तर पर तमाम विकास कार्य किए गए हैं. बड़ी-बड़ी योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया गया है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से पंचायत चुनाव में जनता का क्या कुछ मूड रहेगा वह सामने आएगा और इसी मूड के आधार पर राजनीतिक दल अपने विधानसभा चुनाव को लेकर एजेंडे को भी मूर्तरूप दे सकेंगे.

बड़े बड़ों की प्रतिष्ठा की सच्चाई होगी सबके सामने

पंचायत चुनाव में ब्लॉक पंचायत सदस्य और प्रधान के पदों पर बड़े-बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी लगी हुई है. दरअसल इन चुनावों में राजनीतिक दलों की तरफ से खुला समर्थन उम्मीदवारों को दिया जा रहा है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से चुनाव के जो परिणाम होंगे वह बड़े बड़े लोगों की प्रतिष्ठा को हिलाने वाले होंगे.

विकास योजनाओं का लाभ और जनता ने किसका दिया साथ

इसके साथ ही सरकार की तरफ से जो लगातार दावे किए जा रहे हैं कि पंचायतों के विकास को लेकर सरकार ने अपना पूरा खजाना खोल दिया था, 14वें वित्त आयोग से लेकर तमाम अन्य योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर विकास के लिए पैसे की व्यवस्था की गई है, तमाम योजनाएं चलाई गई हैं. ऐसे में उन योजनाओं का लाभ जनता को कितना मिला और जनता को अगर लाफ मिला तो जनता कितना वर्तमान सरकार के साथ है इसकी भी सच्चाई चुनाव परिणाम बताने वाले होंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरण में कराने को लेकर अधिसूचना भी जारी की गई और तारीखों का एलान भी कर दिया गया है. दरअसल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रहे पंचायत चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट
राजनीतिक दलों के साथ जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा दांव पर इन पंचायत चुनाव में अच्छी जीत को लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में विधायक व सांसद जैसे माननीयों की भी प्रतिष्ठा लगी हुई है. पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्य चुनाव जिला पंचायत अध्यक्ष ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में समर्थन करने का एलान किया है.

चुनाव परिणाम बताएंगे माननीयों की जनता के बीच पकड़ व पहुंच की हकीकत

ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव परिणाम स्वाभाविक रुप से राजनितिक दलों के साथ-साथ माननीय की अपने क्षेत्र में पकड़ और पहुंच बताने वाले साबित होंगे. माननीय की उनके क्षेत्र में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद चार सालों में कितनी पकड़ और पहुंच बरकरार है इसकी भी यह पंचायत चुनाव के परिणाम पोल खोलने वाले साबित हो सकते हैं.

विधानसभा चुनाव में जीत और रणनीति बनाने में चुनाव परिणाम बनेंगे मददगार

यही नहीं पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी अपनी-अपनी तैयारियों को पिछले काफी समय से करने में ध्यान दे रही हैं. सभी राजनीतिक दलों की तरफ से पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के चयन और टिकट फाइनल करने या तमाम सीटों पर समर्थन देने को लेकर प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है.

सभी पार्टियों में प्रभारी किये गए हैं नियुक्त

कई क्षेत्रों में राज्य सरकार के मंत्रियों को भी प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से पंचायत चुनाव के जो परिणाम होंगे वह राजनीतिक दलों के लिए विधानसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. विधानसभा चुनाव की तैयारियों और चुनाव की रणनीति बनाने में भी यह चुनाव परिणाम काफी मददगार साबित होंगे.

58 हजार पंचायतों के परिणाम देंगे राजनीतिक संदेश


प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतों में होने वाले चुनाव परिणाम से स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चुनाव परिणाम बड़े राजनीतिक संदेश भी देने वाले साबित होंगे. दरअसल केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ से लगातार तमाम दावे किए जा रहे हैं कि ग्रामीण स्तर से लेकर शहरों के स्तर पर तमाम विकास कार्य किए गए हैं. बड़ी-बड़ी योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया गया है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से पंचायत चुनाव में जनता का क्या कुछ मूड रहेगा वह सामने आएगा और इसी मूड के आधार पर राजनीतिक दल अपने विधानसभा चुनाव को लेकर एजेंडे को भी मूर्तरूप दे सकेंगे.

बड़े बड़ों की प्रतिष्ठा की सच्चाई होगी सबके सामने

पंचायत चुनाव में ब्लॉक पंचायत सदस्य और प्रधान के पदों पर बड़े-बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी लगी हुई है. दरअसल इन चुनावों में राजनीतिक दलों की तरफ से खुला समर्थन उम्मीदवारों को दिया जा रहा है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से चुनाव के जो परिणाम होंगे वह बड़े बड़े लोगों की प्रतिष्ठा को हिलाने वाले होंगे.

विकास योजनाओं का लाभ और जनता ने किसका दिया साथ

इसके साथ ही सरकार की तरफ से जो लगातार दावे किए जा रहे हैं कि पंचायतों के विकास को लेकर सरकार ने अपना पूरा खजाना खोल दिया था, 14वें वित्त आयोग से लेकर तमाम अन्य योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर विकास के लिए पैसे की व्यवस्था की गई है, तमाम योजनाएं चलाई गई हैं. ऐसे में उन योजनाओं का लाभ जनता को कितना मिला और जनता को अगर लाफ मिला तो जनता कितना वर्तमान सरकार के साथ है इसकी भी सच्चाई चुनाव परिणाम बताने वाले होंगे.

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