लखनऊ : अलाया अपार्टमेंट वजीर हसन रोड के खुद ब खुद कमजोर गुणवत्ता की वजह से ध्वस्त हो जाने के बाद इसी बिल्डर की पांच बिल्डिंग को एलडीए ध्वस्त करेगा. इसी बड़ी कार्रवाई की वजह इनमें रहने वाले करीब डेढ़ सौ परिवारों पर आशियाना छीने जाने का खतरा मंडरा रहा है. लोग परेशान हैं.
वजीर हसन रोड में पिछले महीने अलाया अपार्टमेंट की बिल्डिंग गिर गई थी. घटना में तीन लोगों की मौत भी हो गई थी. जिसके बिल्डर याजदान इंफ्रोकॉन कंपनी के पांच अलाया अपार्टमेंट की खोज की गई है. एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी अवैध हैं. जिस पर एलडीए का बुलडोजर चलेगा. अवैध रूप से किए गए इन निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई प्राधिकरण करने जा रहा है. यही नहीं जिम्मेदार अफसरों एवं अभियंताओं पर भी एक्शन लिया जाएगा. याजदान इंफ्रोकॉन का हजरतगंज के प्राग नारायण रोड पर एक, डालीबाग में दो और महानगर की पेपर मिल कॉलोनी में मेट्रो सिटी के पीछे दो अपार्टमेंट बनाए हैं. डालीबाग स्थित अलाया होम्स के दो टावर हैं. इनमें से एक में 20 फ्लैट एवं एक पेंटहाउस है, दूसरे टावर में 20 फ्लैट हैं. प्राग नारायण रोड व महानगर के दोनों अपार्टमेंट में 20-20 फ्लैट हैं.
आरोप है कि बिल्डर ने प्रवर्तन इकाई के अफसरों, अभियंताओं से सांठगांठ कर इनमें नक्शे में स्वीकृत से अधिक तल बनवाकर फ्लैट बेच दिए. एलडीए सभी अपार्टमेंट की मानचित्र एवं प्रवर्तन इकाई के दस्तावेजों के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार कर चुका है. कंपनी के प्राग नारायण रोड के एक अपार्टमेंट को एलडीए ने गिराया था, जबकि वजीर हसन रोड वाला खुद ही ढह गया था. अलाया अपार्टमेंट व अलाया होम्स में मानचित्र के विपरीत बनाए फ्लैट खरीदने वाले करीब डेढ़ सौ परिवार आशियाना खो सकते हैं. कंपनी ने अधिकतर अपार्टमेंट का ढाई मंजिल का मानचित्र स्वीकृत कराया, लेकिन निर्माण चार से पांच मंजिल तक करवा लिया. अलाया अपार्टमेंट में अवैध रूप से निर्माण कराने में सरपरस्ती देने वाले 10 अफसरों, अभियंताओं एवं कर्मचारियों की पहचान हो चुकी है. इनमें जोनल प्रवर्तन अधिकारी, सहायक अभियंता, अवर अभियंता एवं सुपरवाइजर शामिल हैं.
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