लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर कांग्रेस में सीट बांटने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. लखनऊ की सरोजिनी नगर और बीकेटी सीट के बाद अब बस्ती, मैनपुरी और फतेहपुर से भी कार्यकर्ताओं और नेताओं की तरफ से आपत्तियां दर्ज कराई गई है. यहां से टिकट की आस में बैठे पार्टी के कार्यकर्ता इस समय कांग्रेस के लखनऊ स्थित कार्यालय पर धरना दे रहे हैं.
आरोप लगाने वालों में पार्टी के प्रदेश महासचिव किसान कांग्रेस शिशुपाल सिंह यादव, महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष शीला मिश्रा जैसे नाम शामिल है. एक और जहां पार्टी पर पैसा लेकर टिकट बांटने के आरोप लग रहे हैं वही कुछ कार्यकर्ताओं की तरफ से बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने पर भी नाराजगी जताई गई है. किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शिवपाल यादव मैनपुरी की करहल सीट से दावेदारी कर रहे थे.
उनकी शिकायत है कि पार्टी ने बाहर से आए व्यक्ति को यहां से टिकट दे दिया है. वह बीते कई वर्षो से पार्टी की सेवा कर रहे थे. जिसके चलते कई बार उन्हें विरोधियों की धमकी तक का सामना करना पड़ा. यहां तक की राजनीतिक दुश्मनी के चलते ही उनके ड्राइवर की हत्या तक कर दी गई थी.
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पार्टी के पदाधिकारियों ने इस सब के बावजूद किसी अन्य को मौका दिया. वहीं, फतेहपुर की हुसैनगंज सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे शाहिद शेख का कहना है कि हुसैनगंज मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. वह लगातार पार्टी को यहां मजबूत करने में लगे हुए थे. बावजूद इसके उन्हें टिकट नहीं दिया गया. आरोप है कि धन बल के प्रभाव में आकर उनका टिकट यहां से काटा गया है.
कांग्रेस कार्यालय पर सुबह 10:00 बजे से ही बीकेटी से दावेदारी कर रही महिला कांग्रेसी उपाध्यक्ष शीला मिश्रा विरोध प्रदर्शन पर बैठ गई थी. दोपहर होते-होते मैनपुरी और फतेहपुर से आए दावेदार भी धरने पर बैठ गए. इस दौरान मान मनौव्वल का दौर चलता रहा. बावजूद यह दावेदार प्रियंका गांधी से मिलने और अपनी बात रखने की मांग करते हुए धरने पर बैठे रहे.
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