लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रहने वाला है. विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने की पूरी रणनीति तैयार की है. बजट सत्र से पहले बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी समेत सभी दलों के नेता शामिल हुए. सत्ता पक्ष की तरफ से सदन की कार्यवाही निर्बाध रूप से चलाने की अपील की गई. सीएम की अपील पर विपक्ष ने कहा कि वह जनता की आवाज को सदन में उठाते हैं. सरकार अगर उनकी बातों को सुनेगी तो निश्चित तौर पर विधानसभा में कोई व्यवधान नहीं होगा.
सदन चालान केवल विपक्ष का दायित्व नहीं
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि वैसे तो हम अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करने वाले हैं, लेकिन सदन में ही तत्काल निर्णय लेंगे. आज की सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वही सुझाव दिए जो हर बार देते आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन की कार्यवाही ठीक से चलनी चाहिए. उसका संदेश बाहर जाता है. इसलिए उसमें कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए. विधानसभा की परंपरा को पालन करते हुए सदन की कार्यवाही चले. इससे जनता के बीच अच्छा संदेश जाएगा. सीएम की अपील पर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि सदन चलाना केवल विपक्ष का काम नहीं है. इसमें सरकार यानी सत्ता पक्ष और पीठ को सहयोग करना होगा. विपक्ष जनता की समस्याओं को उठाता है. सरकार उसे गंभीरता से ले. पीठ भी समय दे ताकि विपक्ष अपनी बात रख सके.
सपा उठाएगी किसानों के मुद्दे
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस बार विधानसभा में किसानों, नौजवानों से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे. किसान जो संघर्ष कर रहे हैं, वह मुद्दा उठेगा. महंगाई चरम सीमा पर बढ़ गई है, यह मुद्दा भी विधानसभा में उठेगा. पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है, सदन में यह मुद्दा भी उठाया जाएगा. पिछले 45 सालों में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी इतनी कभी नहीं बढ़ी थी. बेरोजगारी का मुद्दा भी सदन में उठाया जाएगा. इसके साथ ही पत्रकारों को कोरोना वारियर्स नहीं माना गया, यह मुद्दा भी विधानसभा में जोर-शोर से उठेगा.
सरकार को घेरेगा विपक्ष
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि बजट जितना भी पास हुआ, उसमें लगातार बढ़ोतरी की गई है. अखिलेश यादव सरकार के अंतिम बजट से बड़ा करके इस सरकार ने पहला बजट पेश किया. उसके बाद फिर बढ़ाया गया और फिर तीसरा बजट भी बढ़ा हुआ आया. यह बजट भी उससे बढ़ा हुआ रहेगा. कागज में तो धन की व्यवस्था की गई. इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है, जब तक कि धरातल पर दिखाई न दे. पिछले चार सालों में उत्तर प्रदेश में बजट के पैसे से कोई काम दिखाई नहीं दिया है. सरकार कहती है कि कोरोना काल में बहुत खर्च हुआ है. इसमें सदस्यों का भी योगदान रहा है. विधायक निधि ले ली गई. उसे भी सब ने स्वीकार किया. किसी ने कोई आवाज नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि एक तरफ जनता को बचाने का सरकार अभियान चला रही थी. वहीं सरकार के लोग उसमें भ्रष्टाचार करने में लगे हुए थे.
कांग्रेस भी सरकार पर दिखेगी हमलावर
कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा कल से आहूत हो रही है. इस समय प्रदेश में बहुत सारे ज्वलंत मुद्दे हैं. किसान आंदोलित हैं, उत्तर प्रदेश में बिगड़ी कानून-व्यवस्था है, नौजवानों के रोजगार से जुड़ी समस्याएं हैं, किसानों की अपनी समस्या है, गन्ना किसान की अपनी समस्या है. इसको कांग्रेस पार्टी पूरी जिम्मेदारी से सदन में उठाएगी. हम विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. जनता की आवाज को बुलंद करेंगे. सर्वदलीय बैठक में तय हुआ है कि सरकार विपक्ष की बात सुनेगी. हमारी बात सुनी गई तो हम परंपराओं और नियमों का निर्वहन करेंगे, क्योंकि विधानसभा नियमों और परम्पराओं से चलेगी.