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साम्प्रदायिक बयान देकर BJP को चुनावी मुद्दे दे रहा विपक्ष

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार साम्प्रदायिक बयान देकर बीजेपी की उस पिच पर खेल रहे हैं. जहां सत्ताधारी दल पर सबसे बेहतरीन बैटिंग करने का आरोप लगता रहा है.

BJP को चुनावी मुद्दे दे रहा विपक्ष
BJP को चुनावी मुद्दे दे रहा विपक्ष
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Published : Nov 13, 2021, 5:10 PM IST

लखनऊः जिन्ना से लेकर हिंदुत्व और रामभक्ति को लेकर दिए गए विपक्ष के बयानों को बीजेपी अब विधानसभा चुनाव में भुनाने में लगी है. अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना सरदार पटेल और महात्मा गांधी से की थी, सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की बराबरी बोको हरम और आईएसआईएस से की और राशिद अल्वी ने रामभक्तों की बराबरी कालनेमि राक्षस से करके बीजेपी को बैठे-बिठाए एक चुनावी मुद्दा दे दिया है. जिस पर बीजेपी विपक्ष को हिंदुत्व विरोधी साबित करने में लगी है. और यही एक ऐसा मुद्दा है जहां भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 में धुव्रीकरण चाह रही है.

भारतीय जनता पार्टी की झोली में ये मुद्दे विपक्ष ने पिछले 10 से 15 दिनों के भीतर दिए हैं. इसकी शुरुआत सबसे पहले एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने की थी. अखिलेश यादव ने हरदोई की अपनी एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की बराबरी सरदार पटेल और अन्य बड़े स्वतंत्रता सेनानियों से की थी. बीजेपी ने जब इस बात को मुद्दा बनाया, तब भी अखिलेश यादव अपने बयान से पीछे नहीं हटे थे. उन्होंने बीजेपी समर्थकों को इतिहास पढ़ने की सलाह दी थी. अखिलेश यादव के जिन्ना संबंधित बयान के समर्थन में सुहेलदेव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी खड़े हो गए थे. ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि अगर जिन्ना इस देश के प्रधानमंत्री होते तो देश का बंटवारा ही नहीं होता. ओमप्रकाश राजभर के बयान पर हंगामा खत्म भी नहीं हुआ था कि सलमान खुर्शीद की किताब का नया बवाल सामने आ गया.

BJP को चुनावी मुद्दे दे रहा विपक्ष

खुर्शीद की इस किताब में उल्लेख था कि हिंदुत्व और आतंकवादी संगठन बोको हरम और आईएसआईएस की विचारधारा में कोई अंतर नहीं है. इस मुद्दे पर भी राष्ट्रीय स्तर पर बहस खड़ी हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था. ये मुद्दा हल्का भी नहीं हुआ था कि राशिद अल्वी ने भी आग में घी डालने का काम किया और कहा कि आज के रामभक्त रामायण काल के राक्षस कालनेमि के समान हैं. कुल मिलाकर विपक्ष बीजेपी को एक मुद्दे गिफ्ट में देती जा रही है, जिसपर बीजेपी अपनी चुनावी नैया 300 पार करने का दम भर रही है.

राजनैतिक विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह इस बारे में बताते हैं कि विपक्ष बीजेपी को मौके पर मौका दे रहा है. हिंदुत्व और पाकिस्तान दो ऐसे मुद्दे हैं, जो बीजेपी के पसंदीदा हैं. बीजेपी हमेशा से चाहती है कि विपक्ष इन मुद्दों पर उससे लड़ता रहे और हो भी यही रहा है.

इसे भी पढ़ें- एसपी के गढ़ में अमित शाह की दहाड़, कहा- चुनाव सिर पर तो अखिलेश को याद आए जिन्ना

वहीं बीजेपी के प्रवक्ता हीरो बाजपेयी का कहना है कि 2014 के बाद सभी विपक्षी दलों की हिंदुत्व विरोधी विचारधारा सामने आ गई है. बीजेपी सबका साथ और सबका विश्वास पर भरोसा करती है. हम लोगों के सामने विपक्ष की हकीकत ला रहे हैं.

लखनऊः जिन्ना से लेकर हिंदुत्व और रामभक्ति को लेकर दिए गए विपक्ष के बयानों को बीजेपी अब विधानसभा चुनाव में भुनाने में लगी है. अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना सरदार पटेल और महात्मा गांधी से की थी, सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की बराबरी बोको हरम और आईएसआईएस से की और राशिद अल्वी ने रामभक्तों की बराबरी कालनेमि राक्षस से करके बीजेपी को बैठे-बिठाए एक चुनावी मुद्दा दे दिया है. जिस पर बीजेपी विपक्ष को हिंदुत्व विरोधी साबित करने में लगी है. और यही एक ऐसा मुद्दा है जहां भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 में धुव्रीकरण चाह रही है.

भारतीय जनता पार्टी की झोली में ये मुद्दे विपक्ष ने पिछले 10 से 15 दिनों के भीतर दिए हैं. इसकी शुरुआत सबसे पहले एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने की थी. अखिलेश यादव ने हरदोई की अपनी एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की बराबरी सरदार पटेल और अन्य बड़े स्वतंत्रता सेनानियों से की थी. बीजेपी ने जब इस बात को मुद्दा बनाया, तब भी अखिलेश यादव अपने बयान से पीछे नहीं हटे थे. उन्होंने बीजेपी समर्थकों को इतिहास पढ़ने की सलाह दी थी. अखिलेश यादव के जिन्ना संबंधित बयान के समर्थन में सुहेलदेव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी खड़े हो गए थे. ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि अगर जिन्ना इस देश के प्रधानमंत्री होते तो देश का बंटवारा ही नहीं होता. ओमप्रकाश राजभर के बयान पर हंगामा खत्म भी नहीं हुआ था कि सलमान खुर्शीद की किताब का नया बवाल सामने आ गया.

BJP को चुनावी मुद्दे दे रहा विपक्ष

खुर्शीद की इस किताब में उल्लेख था कि हिंदुत्व और आतंकवादी संगठन बोको हरम और आईएसआईएस की विचारधारा में कोई अंतर नहीं है. इस मुद्दे पर भी राष्ट्रीय स्तर पर बहस खड़ी हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था. ये मुद्दा हल्का भी नहीं हुआ था कि राशिद अल्वी ने भी आग में घी डालने का काम किया और कहा कि आज के रामभक्त रामायण काल के राक्षस कालनेमि के समान हैं. कुल मिलाकर विपक्ष बीजेपी को एक मुद्दे गिफ्ट में देती जा रही है, जिसपर बीजेपी अपनी चुनावी नैया 300 पार करने का दम भर रही है.

राजनैतिक विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह इस बारे में बताते हैं कि विपक्ष बीजेपी को मौके पर मौका दे रहा है. हिंदुत्व और पाकिस्तान दो ऐसे मुद्दे हैं, जो बीजेपी के पसंदीदा हैं. बीजेपी हमेशा से चाहती है कि विपक्ष इन मुद्दों पर उससे लड़ता रहे और हो भी यही रहा है.

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वहीं बीजेपी के प्रवक्ता हीरो बाजपेयी का कहना है कि 2014 के बाद सभी विपक्षी दलों की हिंदुत्व विरोधी विचारधारा सामने आ गई है. बीजेपी सबका साथ और सबका विश्वास पर भरोसा करती है. हम लोगों के सामने विपक्ष की हकीकत ला रहे हैं.

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