लखनऊ: कोरोना को मात दे चुके पोस्ट कोविड मरीजोंं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सबसे ज्यादा सांस लेने में तकलीफ व फेफड़ों में फाइब्रोसिस समेत दूसरी दिक्कतें आ रही हैं. मरीजों की खांसी लगातार बनी हुई है. डायबिटीज बेकाबू हो गई है. ऐसे मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने पोस्ट कोविड वार्ड में इजाफा किया है.
कोरोना को मात देने के बाद भी रहता है खतरा
कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में वायरस का पता चलने के बाद के 6 महीनों में मौत का जोखिम ज्यादा रहता है. इनमें वह लोग भी हो सकते हैं, जिन्हें कोराना से संक्रमित होने के बाद भर्ती करने की जरूरत न पड़ी हो. यह जानकारी कोविड-19 के बारे में अब तक के सबसे व्यापक अध्ययन में सामने आई है.
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पोस्ट कोविड मरीजों के लिए बढ़ाए गए बेड
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक कोरोना से जंग जीत चुके मरीजों में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. काफी मरीजों को भर्ती की भी जरूरत पड़ रही है. ऐसे मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए बेड बढ़ाए गए हैं, ताकि उनका इलाज सही समय पर समुचित तरह से हो सके.