लखनऊ: देश का सबसे बड़ा मुकदमा अयोध्या विवाद इन दिनों फिर सुर्खियों में है. कोर्ट ने सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें देने का वक्त तय किया है. वहीं दूसरी तरफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से मध्यस्थता की बात कही है, जिसके विरोध में मुसलमानों का बड़ा संगठन जमीयत उलमा अब उतर आया है.
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अगर समझौता हो जाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी. लेकिन हमें किसी भी कीमत पर सौदेबाजी कुबूल नहीं है. मौलाना ने चेयरमैन से अपील करते हुए ऐलान किया कि अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला तो हमको सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
-मौलाना मतिनुल हक ओसामा, प्रदेश अध्यक्ष, जमीयत उलमा