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बाबरी मस्जिद मुकदमे पर सौदेबाजी कबूल नहीं: जमीयत उलमा - जमीयत उलमा की प्रेस कांफ्रेंस

राजधानी लखनऊ में आज जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतिनुल हक ओसामा ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा है कि बाबरी मस्जिद मुकदमे पर किसी भी तरह की सौदेबाजी कबूल नहीं है.

जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतिनुल हक ओसामा.
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Published : Sep 18, 2019, 9:42 PM IST

लखनऊ: देश का सबसे बड़ा मुकदमा अयोध्या विवाद इन दिनों फिर सुर्खियों में है. कोर्ट ने सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें देने का वक्त तय किया है. वहीं दूसरी तरफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से मध्यस्थता की बात कही है, जिसके विरोध में मुसलमानों का बड़ा संगठन जमीयत उलमा अब उतर आया है.

बाबरी मस्जिद पर बोलते जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष
जमीयत उलमा ने की प्रेस कांफ्रेस- राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की मध्यस्थता को लेकर उठाई गई मांग का विरोध किया. मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद मामले में किसी भी तरह की सौदेबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारुकी पर सवाल सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है जो सुनवाई के अंतिम समय में आकर पुराने वकीलों को हटाया गया.

ये भी पढ़ें:-लखनऊ: जन औषधि केंद्र पर बेची जा रही प्राइवेट दवाईयां, नहीं दिया जाता बिल

अगर समझौता हो जाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी. लेकिन हमें किसी भी कीमत पर सौदेबाजी कुबूल नहीं है. मौलाना ने चेयरमैन से अपील करते हुए ऐलान किया कि अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला तो हमको सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
-मौलाना मतिनुल हक ओसामा, प्रदेश अध्यक्ष, जमीयत उलमा

लखनऊ: देश का सबसे बड़ा मुकदमा अयोध्या विवाद इन दिनों फिर सुर्खियों में है. कोर्ट ने सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें देने का वक्त तय किया है. वहीं दूसरी तरफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से मध्यस्थता की बात कही है, जिसके विरोध में मुसलमानों का बड़ा संगठन जमीयत उलमा अब उतर आया है.

बाबरी मस्जिद पर बोलते जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष
जमीयत उलमा ने की प्रेस कांफ्रेस- राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की मध्यस्थता को लेकर उठाई गई मांग का विरोध किया. मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद मामले में किसी भी तरह की सौदेबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारुकी पर सवाल सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है जो सुनवाई के अंतिम समय में आकर पुराने वकीलों को हटाया गया.

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अगर समझौता हो जाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी. लेकिन हमें किसी भी कीमत पर सौदेबाजी कुबूल नहीं है. मौलाना ने चेयरमैन से अपील करते हुए ऐलान किया कि अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला तो हमको सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
-मौलाना मतिनुल हक ओसामा, प्रदेश अध्यक्ष, जमीयत उलमा

Intro:देश का सबसे बड़ा मुकदमा अयोध्या विवाद इन दिनों फिर सुर्खियों में है जहां एक तरफ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई जारी है और कोर्ट ने सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें देने का वक्त तय किया है तो दूसरी तरफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले को लेकर एक बार फिर से मध्यस्थता की बात कही है जिसके विरोध में मुसलमानों का बड़ा संगठन जमीयत उलमा अब उतर आया है


Body:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की मध्यस्था को लेकर उठाई गई मांग का विरोध किया। मौलाना मतीन उल हक ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद मामले में किसी भी तरह की सौदेबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी वही ओसामा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारुकी पर सवाल सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है जो सुनवाई के अंतिम समय में आकर पुराने वकीलों को हटाया गया। मौलाना मतीन उल हक ने कहा कि बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मामले में समझौते की सभी कोशिशों की नाकामी के बाद सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई जारी है लिहाजा अदालत में पूरी मजबूती के साथ पैरवी की जाए मौलाना ने कहा अधिवक्ताओं को हटाकर नए और ऐसे अधिवक्ताओं को पैनल में शामिल करना जिन का किरदार बाबरी मस्जिद के हवाले से शुरू से ही संदिग्ध रहा है यह सुन्नी वक्फ बोर्ड की भूमिका पर शक जाहिर करता है।

जमीयत के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतीन उल हक ने आगे कहा कि अगर समझौता हो जाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी लेकिन हमें किसी भी कीमत पर सौदेबाजी कुबूल नहीं है मौलाना ने चेयरमैन से अपील करते हुए ऐलान किया कि अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं बदला तो हमको सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यालय के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा

बाइट- मौलाना मतिनुल हक ओसामा, प्रदेश अध्यक्ष, जमीयत उलमा


Conclusion: बताते चलें कि कुछ रोज पहले ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफर फारुकी की ओर से पत्र लिखकर यह मांग की गई है कि अयोध्या विवाद पर एक बार फिर से मध्यस्थता की इजाज़त दी जाए जिसके बाद से ही देश भर से अलग अलग प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है।
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