रुद्रपुर/लखनऊ: फर्जी वसीयत बनाने और करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा करने के मामले में जिला कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ठाकुर प्रेम प्रकाश को 5 साल की सजा सुनाई है. सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा मामले में कुल 9 दोषियों को सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी ठाकुर प्रेम प्रकाश को 5 साल की सजा सुनाते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है, जबकि 8 अन्य आरोपियों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ठाकुर प्रेम प्रकाश सहित 9 लोगों पर फर्जी वसीयत के जरिए करीब 32 एकड़ जमीन पर कब्जा किए जाने का आरोप है. कब्जा की गई जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपए के आस-पास की बताई जा रही है. 2014 में पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, उनकी पत्नी गीता, उनका पुत्र शिववर्धन, उनकी पुत्रवधु निधि सिंह, पूर्व शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र बहादुर सिंह समेत 9 लोगों पर 32.50 एकड़ भूमि की फर्जी वसीयत के जरिए अपने नाम करने के आरोप में कोर्ट में केस चल रहा था.
कोर्ट ने मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री ठाकुर प्रेम प्रकाश को अलग-अलग धाराओं में 5 साल की सजा और साढ़े तीन हजार का जुर्माना लगाया है. अन्य दोषियों में पूर्व शासकीय अधिवक्ता बहादुर सिंह को तीन साल की सजा और एक हजार का जुर्माना. फर्जी वसीयत पर गवाही देने पर गवाह प्रेम और नवनीत को तीन साल की सजा के साथ दो हजार का जुर्माना. पूर्व मंत्री पुत्र शिववर्धन सिंह को तीन साल की सजा और 500-500 रुपए का जुर्माना सहित निधि सिंह, मंजु लता सिंह, सिखा एवं गीता को दो-दो वर्ष की सजा के साथ दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.