ETV Bharat / state

लखनऊ के हजरतगंज चौराहे का नाम अटल चौक होने पर नवाब-ए-अवध ने जताया ऐतराज

नवाबों की नगरी लखनऊ के मशहूर हजरतगंज चौराहे का नाम अटल चौक कर दिया गया है. नवाब अमजद अली शाह हजरत के नाम पर पड़े इस चौराहे का नाम बदलने पर नवाब ए अवध ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि यह लखनऊ की विरासत के साथ छेड़छाड़ है.

नवाब ए अवध ने हजरतगंज चौराहे के नाम बदलने का किया विरोध.
author img

By

Published : Aug 18, 2019, 8:07 PM IST

लखनऊ: हजरतगंज चौराहे का नाम बदले जाने पर नवाब ए अवध ने कड़ा ऐतराज जताया है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इस फैसले को लखनऊ की विरासत के साथ छेड़छाड़ करार दिया. नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि हमारी तहजीब और हमारी विरासत को छेड़ा जा रहा है. इसके अलावा नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान बेशक किया जाना चाहिए लेकिन इतिहास को मिटाने की कीमत पर ऐसे प्रयास ठीक नहीं हैं.

नवाब ए अवध ने हजरतगंज चौराहे के नाम बदलने का किया विरोध.

नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह की प्रतिक्रिया

नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि अवधवासी नवाब अमजद अली शाह को बड़ी ही अकीदत से हजरत के नाम से बुलाते थे. उनके नाम पर इस जगह हजरतगंज बसाया गया था. इसके नाम को बदलना उनकी विरासत से छेड़छाड़ करना है. आगे उन्होंने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी उनके भी बेहद करीबी रहे हैं. अगर सरकार को उनके नाम पर ही कुछ रखना है तो नये शिक्षण संस्थान या नया इलाका बसाना चाहिए था. इससे नवाबों का नाम भी अमर रहता और अटल जी के नाम से प्रदेशवासियों को कुछ नया मिल जाता.

नवाब मसूद अब्दुल्लाह की दलील

नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि हम अटल जी की बेशुमार इज्जत करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, लेकिन जिस शख्सियत ने लखनऊ को आबाद किया उनका ही नाम मिटाया जा रहा है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं है.

नवाब अमजद अली खान ने स्थापित किया था हजरतगंज चौराहा

बता दें कि 176 साल पहले इस चौराहे को नवाब अमजद अली शाह ने बसाया था. अमजद अली खान को को हजरत कहा जाता था. इसीलिए इस चौराहे का नाम इसका नाम हजरतगंज पड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर इस चौराहे का नाम बदलकर अटल चौक कर दिया गया है.

लखनऊ: हजरतगंज चौराहे का नाम बदले जाने पर नवाब ए अवध ने कड़ा ऐतराज जताया है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इस फैसले को लखनऊ की विरासत के साथ छेड़छाड़ करार दिया. नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि हमारी तहजीब और हमारी विरासत को छेड़ा जा रहा है. इसके अलावा नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान बेशक किया जाना चाहिए लेकिन इतिहास को मिटाने की कीमत पर ऐसे प्रयास ठीक नहीं हैं.

नवाब ए अवध ने हजरतगंज चौराहे के नाम बदलने का किया विरोध.

नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह की प्रतिक्रिया

नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि अवधवासी नवाब अमजद अली शाह को बड़ी ही अकीदत से हजरत के नाम से बुलाते थे. उनके नाम पर इस जगह हजरतगंज बसाया गया था. इसके नाम को बदलना उनकी विरासत से छेड़छाड़ करना है. आगे उन्होंने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी उनके भी बेहद करीबी रहे हैं. अगर सरकार को उनके नाम पर ही कुछ रखना है तो नये शिक्षण संस्थान या नया इलाका बसाना चाहिए था. इससे नवाबों का नाम भी अमर रहता और अटल जी के नाम से प्रदेशवासियों को कुछ नया मिल जाता.

नवाब मसूद अब्दुल्लाह की दलील

नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि हम अटल जी की बेशुमार इज्जत करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, लेकिन जिस शख्सियत ने लखनऊ को आबाद किया उनका ही नाम मिटाया जा रहा है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं है.

नवाब अमजद अली खान ने स्थापित किया था हजरतगंज चौराहा

बता दें कि 176 साल पहले इस चौराहे को नवाब अमजद अली शाह ने बसाया था. अमजद अली खान को को हजरत कहा जाता था. इसीलिए इस चौराहे का नाम इसका नाम हजरतगंज पड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर इस चौराहे का नाम बदलकर अटल चौक कर दिया गया है.

Intro:नवाबों की नगरी लखनऊ का प्रमुख चौराहा हजरतगंज अब अटल चौक के नाम से परिवर्तित कर दिया गया है जिसपर नाम बदलने को लेकर जहाँ एक ओर सियासत हो रही है तो वहीं नवाब अमजद अली शाह हज़रत के नाम पर पड़े इस चौराहे का नाम बदलने से नवाबीन ए अवध का भी ऐतराज़ सामने आया है।


Body:ईटीवी भारत से हज़रतगंज चौराहे का नाम बदले जाने पर नवाबीन ए अवध ने अपना ऐतराज़ जताते हुए विरासत पर सियासत करने का आरोप लगाया है। नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हमारी तहज़ीब और हमारी विरासत को छेड़ा जा रहा है। नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने बताया कि नवाब अमजद अली शाह जिनको अवध के वासी हज़रत के नाम से बड़ी ही अकीदत से बुलाते थे उनके नाम पर इस जगह का नाम हज़रतगंज बसाया गया था जिसको बदलना यानी विरासत से छेड़छाड़ करना है। नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी उनके भी बेहद करीबी रहे है और अगर उनके नाम पर ही कुछ रखना तो सरकार को नये शिक्षण संस्थान या नया इलाका बसाना चाहिए था जिससे नवाबों का नाम भी अमर रहता और अटल जी के नाम से प्रदेशवासियों को कुछ नया मिलता। वहीं नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि हम लोग अटल जी की इज़्ज़त करते रहे है और आगे भी करते रहेंगे लेकिन जिन शख्सियत ने लखनऊ को आबाद किया उनके ही नाम मिटा कर अब नाम बदले की कोशिश की जा रही है जो सही नही है।

बाइट- नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह, नवाबीन ए अवध
बाइट2- नवाब मसूद अब्दुल्लाह, नवाबीन ए अवध


Conclusion:बताते चलें कि 176 साल पहले इस चौराहे को नवाब अमजद अली खान द्वारा बसाया गया था जिनको हजरत कहा जाता है तभी से इसका नाम हजरतगंज पड़ा था लेकिन अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर इसको अटल चौक कर दिया गया है जिसपर नवाबीन ए अवध ने विरासत पर सियासत करने की बात कही है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.