लखनऊ: हजरतगंज चौराहे का नाम बदले जाने पर नवाब ए अवध ने कड़ा ऐतराज जताया है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इस फैसले को लखनऊ की विरासत के साथ छेड़छाड़ करार दिया. नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि हमारी तहजीब और हमारी विरासत को छेड़ा जा रहा है. इसके अलावा नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान बेशक किया जाना चाहिए लेकिन इतिहास को मिटाने की कीमत पर ऐसे प्रयास ठीक नहीं हैं.
नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह की प्रतिक्रिया
नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह ने कहा कि अवधवासी नवाब अमजद अली शाह को बड़ी ही अकीदत से हजरत के नाम से बुलाते थे. उनके नाम पर इस जगह हजरतगंज बसाया गया था. इसके नाम को बदलना उनकी विरासत से छेड़छाड़ करना है. आगे उन्होंने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी उनके भी बेहद करीबी रहे हैं. अगर सरकार को उनके नाम पर ही कुछ रखना है तो नये शिक्षण संस्थान या नया इलाका बसाना चाहिए था. इससे नवाबों का नाम भी अमर रहता और अटल जी के नाम से प्रदेशवासियों को कुछ नया मिल जाता.
नवाब मसूद अब्दुल्लाह की दलील
नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि हम अटल जी की बेशुमार इज्जत करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, लेकिन जिस शख्सियत ने लखनऊ को आबाद किया उनका ही नाम मिटाया जा रहा है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं है.
नवाब अमजद अली खान ने स्थापित किया था हजरतगंज चौराहा
बता दें कि 176 साल पहले इस चौराहे को नवाब अमजद अली शाह ने बसाया था. अमजद अली खान को को हजरत कहा जाता था. इसीलिए इस चौराहे का नाम इसका नाम हजरतगंज पड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर इस चौराहे का नाम बदलकर अटल चौक कर दिया गया है.