लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव व अपने समाज को राजनीतिक के लिए प्रेरित करने के लिए पीस पार्टी ने मंगलवार को राजधानी में प्रेसवार्ता की. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अय्यूब ने कहा कि 'सभी पार्टियों की सरकारों ने संविधान की मूल भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया. इनकी नीति व नियत ठीक नहीं रही है. वह कहते कुछ और करते कुछ और हैं, जो पार्टियां सेकुलर विचार धारा का दावा करती है, मगर वास्तव में यह पार्टियां सभी धर्मों का सम्मान नहीं करतीं और धर्म के आधार पर संवैधानिक अधिकारों से भी वंचित करती रही हैं. अभी तक हमने किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं किया है, जो भी पार्टी समाज को गुलाम न बनाकर उसके हित के लिए काम करेगी, पीस पार्टी उसे के साथ गठबंधन करेगी.
उन्होंने कहा कि 'सन 1950 में धर्म के आधार पर हिन्दू दलितों को तो आरक्षण दिया गया और भेदभाव के चलते मुस्लिम व इसाईयों को आरक्षण नहीं दिया जो संविधान व तथाकथित सेकुलरिज्म के दावे के विरुद्ध है. इससे सिद्ध होता है कि सेकुलरिज्म का दावा करने वाली पार्टियां सही मायने में सांप्रदायिक हैं. डा. अय्यूब ने कहा कि हमारी पार्टी प्रदेश भर में करीब 50 सीटों पर सक्रिय राजनीति करती है. कोई भी दल हमें हल्के में लेने की भूल न करे. हम सभी के सामने मजबूती से चुनाव लड़ने की ताकत रखते हैं.'
बातचीत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि 'हिंदुत्व व वसुधैव कुटुंबकम का नारा केवल दलितों को वोट के लिए भर्मित करना है और न कि एक परिवार कि तरह से समाज में बराबर का सम्मान व अधिकार देना है. पिछड़ों का नारा देकर सत्ता में आने वाली पार्टियां सत्ता का दुरूपयोग कर केवल अपनी जाति को सरकारी नौकरी आदि देकर लाभान्वित करती रही हैं जबकि अन्य पिछड़ों की कोई भागीदारी नहीं है. जब बहुजन के उत्थान की बात आती है तो उक्त पार्टी सत्ता में आने के बाद धर्म के आधार पर दलितों में भी बंटवारा करती हैं और मुस्लिम इसाई को हक दिलाने का काम कभी भी कोई दल नहीं करता. हम पिछड़ों को साथ लेकर चलते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पीस पार्टी मजदूरों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए परस्पर कार्य कर रही है.'