लखनऊ : सिविल कोर्ट परिसर, लखनऊ में 12 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. लोक अदालत में समस्त प्रकार के गैर आपराधिक वादों का निस्तारण किया जाएगा. इन मुकदमों में चेक बाउंस के मामले, मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर, भूमि अध्यापति वाद, बैंक वसूली वाद, किराएदारी वाद, पारिवारिक वाद, आयकर, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से संबधित वाद शामिल हैं. साथ ही केबल नेटवर्क के मामले, मोबाइल फोन के मामले, जनपयोगी सेवाओं तथा वाणिज्य कर से सम्बंधित मामलों का भी निस्तारण किया जाएगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की सचिव सपना त्रिपाठी ने बताया कि वादकारीगण किसी भी अदालत में लम्बित अपने मुकदमे को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित कराकर लाभान्वित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि पिछली राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में हजारों वादों का निस्तारण किया गया था.
क्या है लोक अदालत
उल्लेखनीय है कि लोक अदालत के आयोजन का उद्देश्य सुलह-समझौते से मामलों का निस्तारण करने का होता है. लोक अदालत द्वारा मामलों के निस्तारण में पारित आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती व यह अंतिम होता है. इसका सबसे अधिक लाभ वादकारियों को यह होता है कि वे कोर्ट-कचहरी के अनावश्यक भाग-दौड़ से बच जाते हैं व उनके विवादों का निपटारा एक दिन में ही हो जाता है. लोक अदालत में अपने मामले को सूचीबद्ध कराने के लिए सम्बंधित कोर्ट में जहां मामला विचाराधीन है, वहां पक्षकारों को प्रार्थना पत्र देना होता है.