लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने कारापाल व उप कारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को पेश करने का आदेश अभियोजन को दिया है. कोर्ट ने पिछली तारीख पर इस संदर्भ में पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देश दिया था, लेकिन अतिरिक्त महानिदेशक कारागार व वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार रोपड़, पंजाब द्वारा मुख्तार अंसारी की उपस्थिति के बाबत कोई आख्या नहीं भेजी गई.
कोर्ट ने इसे अत्यन्त आपत्तिजनक करार देते हुए अभियोजन को निर्देश दिया है कि 9 फरवरी को अभियुक्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित कराना सुनिश्चित करें. कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त महानिदेशक कारागार व पुलिस आयुक्त लखनऊ के साथ ही वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार रोपड़, पंजाब को भी भेजने के निर्देश दिये हैं. वहीं गुरुवार को इस मामले के एक अभियुक्त यूसुफ चिश्ती ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था. विशेष अदालत ने अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
इस मामले की एफआईआर 3 अप्रैल 2020 को लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था. इनमें से एक बंदी चांद को विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे. आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी व उप कारापाल बैजनाथ राम चौरसिया और कुछ अन्य बंदी रक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे. इस पर हमलावर बंदियों ने दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया. अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे. साथ ही जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी दी.