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लखनऊ विश्वविद्यालय और CSIR-CIMAP के बीच एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर - csir-cimap

उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ विश्वविद्यालय और CSIR-CIMAP के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इससे दोनों संस्थानों को विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा.

एमओयू पर किया गया हस्ताक्षर.
एमओयू पर किया गया हस्ताक्षर.
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Published : Sep 18, 2020, 10:47 AM IST

लखनऊ: गुरुवार को काउंसलिंग ऑफ साइंटिफिक एंड ई-इंडरेस्ट्रिएल रिसर्च (CSIR) और इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (CIMAP) लखनऊ और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीच एक ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच कार्यात्मक संबंधों को मजबूत करने के मुख्य उद्देश के साथ यह एमओयू लाया गया है, ताकि दोनों संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं और विशेषताओं को आपसी लाभ के लिए एक दूसरे के साथ साझा किया जा सके.

एमओयू के प्रमुख लाभार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय और (CIMAP) के विज्ञान संकायों के परास्नातक विद्यार्थी, शोधार्थी, विभिन्न जीव विज्ञान से संबंधित विभागों जैसे वनस्पति विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान, प्राणी विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि के अध्यापक और वैज्ञानिक होंगे. दोनों सहयोगी संस्थानों की ओर से संयुक्त सहयोगी परियोजनाओं के लिए भी साथ में आवेदन किया जा सकेगा.

एमओयू बनाने और उस पर हस्ताक्षर होने तक की प्रक्रिया में विश्वविद्यालय की तरफ से प्रोफेसर अरविंद मोहन (डीन एकेडमिक) प्रोफेसर मनीषा बनर्जी (डीन रिसर्च) और प्रोफेसर सुधीर मेहरोत्रा (जैव रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष ) और CSIR-CIMAP से डॉ. विक्रांत गुप्ता और डॉ. प्रेमा वासुदेव की सक्रिय भूमिका रही. डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, CSIR-CIMAP) लखनऊ विवि के जैव रसायन विभाग के पूर्व में छात्र रह चुके हैं. इन्होंने 1989 में बॉयो केमेस्ट्री में एमएससी की पढ़ाई पूरी की थी.

आपको बता दें कि इस एमओयू पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, CSIR-CIMAP) ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव और CSIR-CIMAP के कन्ट्रोलर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया.

इसे भी पढ़ें- बरेलीः फर्नीचर मार्केट में लगी भीषण आग, कई दुकानें हुईं स्वाहा

लखनऊ: गुरुवार को काउंसलिंग ऑफ साइंटिफिक एंड ई-इंडरेस्ट्रिएल रिसर्च (CSIR) और इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (CIMAP) लखनऊ और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीच एक ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच कार्यात्मक संबंधों को मजबूत करने के मुख्य उद्देश के साथ यह एमओयू लाया गया है, ताकि दोनों संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं और विशेषताओं को आपसी लाभ के लिए एक दूसरे के साथ साझा किया जा सके.

एमओयू के प्रमुख लाभार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय और (CIMAP) के विज्ञान संकायों के परास्नातक विद्यार्थी, शोधार्थी, विभिन्न जीव विज्ञान से संबंधित विभागों जैसे वनस्पति विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान, प्राणी विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि के अध्यापक और वैज्ञानिक होंगे. दोनों सहयोगी संस्थानों की ओर से संयुक्त सहयोगी परियोजनाओं के लिए भी साथ में आवेदन किया जा सकेगा.

एमओयू बनाने और उस पर हस्ताक्षर होने तक की प्रक्रिया में विश्वविद्यालय की तरफ से प्रोफेसर अरविंद मोहन (डीन एकेडमिक) प्रोफेसर मनीषा बनर्जी (डीन रिसर्च) और प्रोफेसर सुधीर मेहरोत्रा (जैव रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष ) और CSIR-CIMAP से डॉ. विक्रांत गुप्ता और डॉ. प्रेमा वासुदेव की सक्रिय भूमिका रही. डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, CSIR-CIMAP) लखनऊ विवि के जैव रसायन विभाग के पूर्व में छात्र रह चुके हैं. इन्होंने 1989 में बॉयो केमेस्ट्री में एमएससी की पढ़ाई पूरी की थी.

आपको बता दें कि इस एमओयू पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, CSIR-CIMAP) ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव और CSIR-CIMAP के कन्ट्रोलर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया.

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