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योगी के चार साल : MSME क्षेत्र में ढाई करोड़ लोगों को मिला रोजगार - योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 19 मार्च 2021 को अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने जा रही है. इन चार सालों में बीजेपी की सरकार ने कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई फैसले लिए. कई योजनाओं का क्रियान्यवन किया, करोड़ों लोगों को रोजगार दिया. जिसमें एमएसएमई विभाग ने पिछले सालों में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. पढ़िए ये खास रिपोर्ट...

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Mar 18, 2021, 1:24 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 4:54 PM IST

लखनऊ: 19 मार्च 2021 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने कार्यकाल का चार साल पूरा कर लेगी. इन चार सालों में योगी सरकार का सबसे ज्यादा जोर लोगों को रोजगार देने पर रहा. योगी सरकार ने चार लाख सरकारी नौकरियां दीं तो एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) विभाग ने रोजगार देने के मामले पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 50 लाख नई इकाई स्थापित की गईं, जिससे करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.

स्पेशल रिपोर्ट.

सरकार ने रोजगार देने का किया दावा
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में 50 लाख से अधिक नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हुई है. बैंकों की ओर से इन इकाइयों को ढाई लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया है. एमएसएमई की बात करें तो पूरे चार साल में करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार भी मिला है.

चार सालों में MSME क्षेत्र में किए गए काम.
चार सालों में MSME क्षेत्र में किए गए काम.

इस साल 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को दिया गया लोन
देश की अधिकतम यानी करीब 14 फीसदी एमएसएमई इकाई उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं. इस साल फरवरी माह तक 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को 42 हजार 700 करोड़ के लोन दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक साल में एमएसएमई सेक्टर को इतनी बड़ी मात्रा में लोन उपलब्ध कराया गया है. इससे निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 65 लाख लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं. चालू वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है.

सरकार के कदम से मिली सफलता
इस इकाई को हासिल करने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर दिया है. सरकार ने निवेश मित्र पोर्टल शुरू किया. प्रदेश में एमएसएमई पार्क के लिए छह जिलों को चिह्नित किया गया है. इसमें वाराणसी, आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर और आजमगढ़ जिले शामिल हैं. इन सभी जिलों में एमएसएमई के औद्योगिक पार्क की स्थापना की जा रही है.

इन जिलों में MSME पार्कों का होगा निर्माण.
इन जिलों में MSME पार्कों का होगा निर्माण.

ये रही प्रदेश की उपलब्धियां

  • देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश, प्रति व्यक्ति आय हुई दोगुनी.
  • ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान.
  • बेरोजगारी की दर साल 2017 में 17.5 फीसदी थी, मार्च 2021 में घटकर 4.1% रह गई है. (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के आधार पर).
  • सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना में देश में अग्रणी है उत्तर प्रदेश.
  • मौजूदा समय में प्रदेश में करीब 90 लाख एमएसएमई इकाइयां काम कर रही हैं.
  • सरकार का दावा कि पिछले चार साल में 50 लाख एमएसएमई इकाई स्थापित की गई हैं.
  • इन इकाईयों को ढाई लाख करोड़ रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाएगा.
  • इकाइयों से प्रदेश में पिछले चार साल में करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.

लखनऊ: 19 मार्च 2021 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने कार्यकाल का चार साल पूरा कर लेगी. इन चार सालों में योगी सरकार का सबसे ज्यादा जोर लोगों को रोजगार देने पर रहा. योगी सरकार ने चार लाख सरकारी नौकरियां दीं तो एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) विभाग ने रोजगार देने के मामले पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 50 लाख नई इकाई स्थापित की गईं, जिससे करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.

स्पेशल रिपोर्ट.

सरकार ने रोजगार देने का किया दावा
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में 50 लाख से अधिक नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हुई है. बैंकों की ओर से इन इकाइयों को ढाई लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया है. एमएसएमई की बात करें तो पूरे चार साल में करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार भी मिला है.

चार सालों में MSME क्षेत्र में किए गए काम.
चार सालों में MSME क्षेत्र में किए गए काम.

इस साल 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को दिया गया लोन
देश की अधिकतम यानी करीब 14 फीसदी एमएसएमई इकाई उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं. इस साल फरवरी माह तक 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को 42 हजार 700 करोड़ के लोन दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक साल में एमएसएमई सेक्टर को इतनी बड़ी मात्रा में लोन उपलब्ध कराया गया है. इससे निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 65 लाख लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं. चालू वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है.

सरकार के कदम से मिली सफलता
इस इकाई को हासिल करने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर दिया है. सरकार ने निवेश मित्र पोर्टल शुरू किया. प्रदेश में एमएसएमई पार्क के लिए छह जिलों को चिह्नित किया गया है. इसमें वाराणसी, आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर और आजमगढ़ जिले शामिल हैं. इन सभी जिलों में एमएसएमई के औद्योगिक पार्क की स्थापना की जा रही है.

इन जिलों में MSME पार्कों का होगा निर्माण.
इन जिलों में MSME पार्कों का होगा निर्माण.

ये रही प्रदेश की उपलब्धियां

  • देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश, प्रति व्यक्ति आय हुई दोगुनी.
  • ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान.
  • बेरोजगारी की दर साल 2017 में 17.5 फीसदी थी, मार्च 2021 में घटकर 4.1% रह गई है. (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के आधार पर).
  • सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना में देश में अग्रणी है उत्तर प्रदेश.
  • मौजूदा समय में प्रदेश में करीब 90 लाख एमएसएमई इकाइयां काम कर रही हैं.
  • सरकार का दावा कि पिछले चार साल में 50 लाख एमएसएमई इकाई स्थापित की गई हैं.
  • इन इकाईयों को ढाई लाख करोड़ रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाएगा.
  • इकाइयों से प्रदेश में पिछले चार साल में करीब ढाई करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.
Last Updated : Mar 18, 2021, 4:54 PM IST
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