लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए इस बार रिकॉर्ड आवेदन आए. करीब 48,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. लेकिन, इनमें से 29% से ज्यादा नहीं पहले ही दाखिला लेने से इनकार कर दिया है. असल में, दाखिले के लिए आवेदन करने के बाद यह अभ्यर्थी प्रवेश प्रक्रिया में ही शामिल नहीं हुए हैं. आलम यह है कि बीए, बीएससी, बी.कॉम जैसे पाठ्यक्रमों में आवेदन करने के बाद 25 से लेकर 32% तक अभ्यर्थी गायब हो गए.
लखनऊ विश्वविद्यालय ने सत्र 2021-22 में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराने का फैसला लिया था. विश्वविद्यालय के स्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 24 अगस्त से प्रवेश परीक्षा की शुरुआत की गई. बी. कॉम पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अंतिम परीक्षा मंगलवार शाम को कराई गई. इन प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए करीब 47 हजार 886 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इसमें 33 हजार 774 अभ्यर्थी ही शामिल हुए. यानी करीब 14 हजार 143 अभ्यर्थी स्क्रीनिंग के पहले ही चरण में बाहर हो गए हैं.
बीएससी में सबसे ज्यादा आवेदक हुए गायब
- बीकॉम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए कुल 11 हजार 939 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. 3070 यानी करीब 25.7% अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हुए.
- यही हाल बीए पाठ्यक्रम का भी है. बीए पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए करीब 11401 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इसमें 3107 यानी करीब 27.25% अनुपस्थित रहे हैं.
- सबसे ज्यादा खराब स्थिति बीएससी मैथ्स और बीएससी बायो में देखने को मिली है. बीएससी बायो में 4226 ने आवेदन किया था इसमें 1359 यानी करीब 32% अनुपस्थित रहे हैं. इसी तरह बीएससी गणित में कुल 7299 में से 2311 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं. 31.66% ने परीक्षा छोड़ दी.
कॉलेजों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में स्नातक पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या करीब 3500 के आसपास है. ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों में सीटें भरने में मुश्किल नहीं होनी है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा नुकसान सेंट्रलाइज काउंसलिंग में शामिल हुए कॉलेजों को उठाना पड़ सकता है. विश्वविद्यालय की सीटें भरने के बाद अभ्यर्थियों को कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग में मौका मिलना था.
पीजी प्रवेश परीक्षा के बाद नतीजे संभावित
- लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सितंबर से पार्ट टाइम पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
- 6 से 13 सितंबर तक पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा.
- जानकारों की मानें तो, इस दौरान विश्वविद्यालय के स्तर पर यूजी प्रवेश परीक्षा के नतीजे तैयार कर लिए जाएंगे. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पीजी प्रवेश परीक्षा के बाद 1 हफ्ते के अंदर यूजी के नतीजे जारी कर काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
- सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह से स्नातक प्रथम सेमेस्टर की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जा सकती हैं.