लखनऊ: भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल इम्प्लायमेन्ट गारंटी ऐक्ट) के अन्तर्गत श्रमिकों के पारिश्रमिक के भुगतान के लिए 729 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है. मनरेगा मजदूरों को भुगतान (MNREGA workers will get due payment) सीधे उनके खाते में नियमानुसार( Ne-FMS) नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने गांवों में मनरेगा व मनरेगा अभिसरण के माध्यम से कराये जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश सभी सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 266 प्रकार के कार्य कराये जा सकते हैं. गांवों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों के प्रकार का व्यापक स्तर पर प्रचार -प्रसार कराया जाएगा. जानकारी के अभाव में तमाम लोग काम करने/कराने से वंचित रह जाते हैं, इसलिए मनरेगा के बारे में ग्रामीणो में और अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि मनरेगा में किसी भी दशा में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी. मनरेगा में श्रमिकों का भुगतान की कार्रवाई नियमानुसार समय से करायी जाएगी. ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा में व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों में पात्र ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि के लिए पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, भूमि सुधार, मेड़बंदी, पौधारोपण, नेडप कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट बनाने का लाभ दिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि योजना के तहत किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए व्यक्तिगत भूमि पर खेत-तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि हो रही है. मनरेगा से लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है और विभाग की कोशिश है कि समय पर ही उन सभी को उनके परिश्रम का भुगतान भी मिल जाए.
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