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अडानी पावर प्लांट में काम करने वाले मजदूर पैदल लौट रहे यूपी

गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट में काम करने गए मजदूर पैदल ही अपने घर यूपी के लिए रवाना हो गए. मजदूरों का आरोप है कि प्लांट में उन्हें एक शिफ्ट में काम और 240 रुपये मजदूरी दी जा रहा थी.

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पैसे के आभाव में पैदल सफर करने को मजबूर मजदूर.
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Published : Sep 1, 2020, 8:44 PM IST

गांडेय/ गिरिडीहः गोड्डा स्थित अडानी प्लांट में काम करने गए मजदूर घर वापस लौटने को मजबूर हो गए. शनिवार को प्लांट से निकलने के बाद आठ की संख्या में मजदूर पैदल सफर करते हुए सोमवार की शाम बेंगाबाद पहुंचे. पत्रकारों की नजर पड़ने के बाद जब मजदूरों से बात की गई तो अपना दुखड़ा सुनाते हुए उनका दर्द छलक गया. इसके बाद स्थानीय पत्रकारों और बेंगाबाद प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद यादव, उपप्रमुख उपेंद्र कुमार के सहयोग से उन्हें एक वाहन से आगे के लिए रवाना किया गया. वहीं, प्रमुख के द्वारा मजदूरों को खाने-पीने के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया गया.

मजदूर घर वापस लौटने को मजबूर
जानकारी देते हुए मजदूरों ने बताया कि वे लोग उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला स्थित चौवना गांव के रहने वाले हैं. बीते 11 अगस्त को झारखंड के गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट में मजदूरी करने ठेकेदार के माध्यम से उन्हें लाया गया था. मजदूर रंजेश कुमार, आकाश दीप, राजकुमार, बिनोद, बासुदेव समेत अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें 280 रुपये दिहाड़ी देने की बात और डबल शिफ्ट में काम उपलब्ध कराने की बात कहकर बुलाया गया था, लेकिन प्लांट में उन्हें एक शिफ्ट में काम और 240 रुपये मजदूरी दी जा रहा थी. कुछ दिन काम करने के बाद जब प्लांट के कर्मी से इस बारे में शिकायत की तो उन्हें काम से निकाल दिया गया.

जानकारी देते मजदूर.

इसे भी पढ़ें- दुमका: ट्रक चालक से 15 लाख की लूट, सैंथिया के आलू व्यवसायी का था रुपया

मजबूरन पैदल ही वापसी
मजदूरों ने यह भी बताया कि प्लांट में उन सब का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर कार्ड आदि रख लिया गया और उन्हें बिना मजदूरी भुगतान किए ही बाहर कर दिया गया. इसके बाद सभी मजदूर मजबूरन पैदल ही वापसी को निकल पड़े. वहीं, मजदूरों ने बताया कि पैसे नहीं रहने के कारण पैदल सफर करना पड़ रहा है. थोड़े बहुत पैसे पास हैं, जिससे वह लोग खाने-पीने का सामान खरीद कर भूख प्यास मिटा रहे हैं.

गांडेय/ गिरिडीहः गोड्डा स्थित अडानी प्लांट में काम करने गए मजदूर घर वापस लौटने को मजबूर हो गए. शनिवार को प्लांट से निकलने के बाद आठ की संख्या में मजदूर पैदल सफर करते हुए सोमवार की शाम बेंगाबाद पहुंचे. पत्रकारों की नजर पड़ने के बाद जब मजदूरों से बात की गई तो अपना दुखड़ा सुनाते हुए उनका दर्द छलक गया. इसके बाद स्थानीय पत्रकारों और बेंगाबाद प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद यादव, उपप्रमुख उपेंद्र कुमार के सहयोग से उन्हें एक वाहन से आगे के लिए रवाना किया गया. वहीं, प्रमुख के द्वारा मजदूरों को खाने-पीने के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया गया.

मजदूर घर वापस लौटने को मजबूर
जानकारी देते हुए मजदूरों ने बताया कि वे लोग उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला स्थित चौवना गांव के रहने वाले हैं. बीते 11 अगस्त को झारखंड के गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट में मजदूरी करने ठेकेदार के माध्यम से उन्हें लाया गया था. मजदूर रंजेश कुमार, आकाश दीप, राजकुमार, बिनोद, बासुदेव समेत अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें 280 रुपये दिहाड़ी देने की बात और डबल शिफ्ट में काम उपलब्ध कराने की बात कहकर बुलाया गया था, लेकिन प्लांट में उन्हें एक शिफ्ट में काम और 240 रुपये मजदूरी दी जा रहा थी. कुछ दिन काम करने के बाद जब प्लांट के कर्मी से इस बारे में शिकायत की तो उन्हें काम से निकाल दिया गया.

जानकारी देते मजदूर.

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मजबूरन पैदल ही वापसी
मजदूरों ने यह भी बताया कि प्लांट में उन सब का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर कार्ड आदि रख लिया गया और उन्हें बिना मजदूरी भुगतान किए ही बाहर कर दिया गया. इसके बाद सभी मजदूर मजबूरन पैदल ही वापसी को निकल पड़े. वहीं, मजदूरों ने बताया कि पैसे नहीं रहने के कारण पैदल सफर करना पड़ रहा है. थोड़े बहुत पैसे पास हैं, जिससे वह लोग खाने-पीने का सामान खरीद कर भूख प्यास मिटा रहे हैं.

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