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मिड डर्माकॉम 2022, हर ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट, जानिये क्या बोले चिकित्सक - मिड डर्माकॉम 2022

इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' द्वारा आयोजित 'मिड डर्माकॉम 2022' (Mid Dermacom 2022) में स्किन एलर्जी, दवा के प्रभाव से होने वाली बीमारियों, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इंफेक्शन सहित कई विषयों पर चर्चा हुई.

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Published : Sep 26, 2022, 3:12 PM IST

लखनऊ: 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' द्वारा आयोजित 'मिड डर्माकॉम 2022' (Mid Dermacom 2022) में स्किन एलर्जी, दवा के प्रभाव से होने वाली बीमारियों, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इंफेक्शन सहित कई विषयों पर चर्चा हुई. साथ ही अंडरग्रेजुएट क्विज कराया गया.


ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान व साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि तीसरे दिन समापन से पहले, अंडर ग्रेजुएट क्विज कराया गया. जिसमें पुणे की आर्म फोर्स मेडिकल कॉलेज विजेता रही. ये भारत की ऐसी पहली डर्मेटोलॉजी से सम्बंधित कॉन्फ्रेंस थी, जिसमें एमबीबीएस स्टूडेंट्स को भी शामिल होने का मौका दिया गया. जिससे वो कुछ नया सीख सकें और जिन्हें आगे चलकर डर्मा में अपना करियर बनाना है, वो इस क्षेत्र की बारीकियों को भी पहले से ही समझ लें.

हर ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट : डॉक्टर अबीर सारस्वत ने बताया कि बाल, नाखून, त्वचा और मुंह के अंदर की समस्या के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास ही जाएं. कॉस्मेटिक व लेजर तकनीक के लिए किसी एक्सपर्ट के पास ही जाएं. उन्होंने कहा कि जिन दवाओं में तीन से चार गलत तरह के कॉम्बिनेशन हों, उसका इस्तेमाल न किया जाए. क्योंकि, हर एक ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट है. उन्होंने कहा कि अगर पेशेंट्स को किसी भी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा से रिएक्शन हो तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं. अक्सर देखा जाता है कि पेशेंट दवा से रिएक्शन होने पर डॉक्टरों को नहीं बताते हैं. डॉ. अबीर ने कहा कि स्किन पर इस्तेमाल के लिए बिना पर्चे व बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा न लें. एंटीबायोटिक व पेन किलर से त्वचा की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

कोर्स पूरा कर ही पा सकेंगे खुजली से निजात : डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि स्किन एलर्जी और एलर्जी के कारण उत्पन्न होने वाली खुजली के बारे में विस्तार से चर्चा हुई. इसमें बताया गया कि खुजली के कई अलग कारण हो सकते हैं. जिसमें एलर्जी की दवाओं के अलावा कई और दवाइयों की भी भूमिका होती है. कई बार एलर्जी की दवा की डोज़ बढ़ाने से भी फायदा मिलता है. उन्होंने बताया कि इसका उपचार लंबा होता है, लेकिन कारगर होता है. बार-बार दवा नहीं रोकना चाहिए. कोर्स पूरा करना चाहिए.


समापन समारोह में अलग-अलग राज्यों से आए कुछ डर्मेटोलॉजिस्ट को उनके उत्कृष्ट प्रेजेंटेशन के लिए सम्मानित भी किया गया. जिन्हें एसोसिएशन की प्रेसिडेंट डॉ. रश्मि सरकार, ऑर्गनाइजिंग कमेटी के चीफ को-ऑर्डिनेटर डॉ. सुरेश तलवार, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान, साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता, साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. अबीर सारस्वत, ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. नीरज पांडे और ट्रेजरार डॉ. अंकुर तलवार की मौजूदगी में प्रमाण पत्र सौंपा गया. प्रमाण पत्र पाने वालों में डॉ. मिहिका नरोन्हा ने बताया कि फेशियल हेयर रिमूवल के लिए लेजर व थ्रेड दोनों तकनीक बेहतर रहेगी. साथ ही, कॉन्सेप्ट कंपनी से अमित जगोटा और मीडिया प्लानर से अनुराग बत्रा को भी कॉन्फ्रेंस को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सम्मानित किया गया.



इस मौके पर डॉ. नीरज पांडे ने अपने सम्बोधन में प्रेसिडेंट डॉ. रश्मि सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि हमारी प्रेसिडेंट हम लोगों के बारे में सोचती हैं और कार्य करती हैं. वहीं डॉ. सुमित गुप्ता ने मशहूर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सुरेश तलवार को लखनऊ में डर्मा क्षेत्र का 'भीष्म पितामह' बताया. बता दें कि अगली बार केरल के कालीकट में 'मिड डर्माकॉन-2023' का आयोजन किया जाएगा. डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि तीसरे दिन अवार्ड्स पेपर हुए. जिसमें अलग-अलग राज्यों से आये डर्मेटोलॉजिस्ट ने अपने-अपने विषयों पर प्रेजेंटेशन दिया. कुछ नयी जानकारियां भी उनके द्वारा दी गईं. जिसे डॉ. मानस चटर्जी व डॉ. उषा गुप्ता ने जज किया. उन्होंने बताया कि कनेक्टिव टिशू डिजिजेस के बारे में चर्चा हुई. जिसमें डॉ. ब्रजेश नायर और डॉ. सौम्या पांडा ने अपने विचार रखे. दवाओं से होने वाले प्रभावों पर डॉ. ललित गुप्ता और डॉ. सुशील पांडा, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन पर डॉ. प्रज्ञा नायर और डॉ. नीना मन्द्राणी और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इन्फेक्शन पर भी डर्मेटोलॉजिस्ट्स ने चर्चा कर अपने विचार रखे.


यह भी पढ़ें : दर्दनाक सड़क हादसा, तालाब में पलटी ट्रैक्टर ट्रॉली, आठ महिलाएं व दो बच्चों की मौत

बता दें कि 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्किन की एसोसिएशन है. जिसके 50 साल पूरे हो गए हैं. एसोसिएशन में करीब 14 हजार डॉक्टर सदस्य हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य नयी-नयी बीमारियों पर रिसर्च करना और नये डॉक्टरों को उसकी जानकारी देना है.

यह भी पढ़ें : कौन है भाजपा में घर का भेदी विधायक, जो वीडियो कर रहा है वायरल

लखनऊ: 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' द्वारा आयोजित 'मिड डर्माकॉम 2022' (Mid Dermacom 2022) में स्किन एलर्जी, दवा के प्रभाव से होने वाली बीमारियों, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इंफेक्शन सहित कई विषयों पर चर्चा हुई. साथ ही अंडरग्रेजुएट क्विज कराया गया.


ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान व साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि तीसरे दिन समापन से पहले, अंडर ग्रेजुएट क्विज कराया गया. जिसमें पुणे की आर्म फोर्स मेडिकल कॉलेज विजेता रही. ये भारत की ऐसी पहली डर्मेटोलॉजी से सम्बंधित कॉन्फ्रेंस थी, जिसमें एमबीबीएस स्टूडेंट्स को भी शामिल होने का मौका दिया गया. जिससे वो कुछ नया सीख सकें और जिन्हें आगे चलकर डर्मा में अपना करियर बनाना है, वो इस क्षेत्र की बारीकियों को भी पहले से ही समझ लें.

हर ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट : डॉक्टर अबीर सारस्वत ने बताया कि बाल, नाखून, त्वचा और मुंह के अंदर की समस्या के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास ही जाएं. कॉस्मेटिक व लेजर तकनीक के लिए किसी एक्सपर्ट के पास ही जाएं. उन्होंने कहा कि जिन दवाओं में तीन से चार गलत तरह के कॉम्बिनेशन हों, उसका इस्तेमाल न किया जाए. क्योंकि, हर एक ड्रग का कोई न कोई साइड इफेक्ट है. उन्होंने कहा कि अगर पेशेंट्स को किसी भी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा से रिएक्शन हो तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं. अक्सर देखा जाता है कि पेशेंट दवा से रिएक्शन होने पर डॉक्टरों को नहीं बताते हैं. डॉ. अबीर ने कहा कि स्किन पर इस्तेमाल के लिए बिना पर्चे व बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा न लें. एंटीबायोटिक व पेन किलर से त्वचा की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

कोर्स पूरा कर ही पा सकेंगे खुजली से निजात : डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि स्किन एलर्जी और एलर्जी के कारण उत्पन्न होने वाली खुजली के बारे में विस्तार से चर्चा हुई. इसमें बताया गया कि खुजली के कई अलग कारण हो सकते हैं. जिसमें एलर्जी की दवाओं के अलावा कई और दवाइयों की भी भूमिका होती है. कई बार एलर्जी की दवा की डोज़ बढ़ाने से भी फायदा मिलता है. उन्होंने बताया कि इसका उपचार लंबा होता है, लेकिन कारगर होता है. बार-बार दवा नहीं रोकना चाहिए. कोर्स पूरा करना चाहिए.


समापन समारोह में अलग-अलग राज्यों से आए कुछ डर्मेटोलॉजिस्ट को उनके उत्कृष्ट प्रेजेंटेशन के लिए सम्मानित भी किया गया. जिन्हें एसोसिएशन की प्रेसिडेंट डॉ. रश्मि सरकार, ऑर्गनाइजिंग कमेटी के चीफ को-ऑर्डिनेटर डॉ. सुरेश तलवार, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान, साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता, साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. अबीर सारस्वत, ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. नीरज पांडे और ट्रेजरार डॉ. अंकुर तलवार की मौजूदगी में प्रमाण पत्र सौंपा गया. प्रमाण पत्र पाने वालों में डॉ. मिहिका नरोन्हा ने बताया कि फेशियल हेयर रिमूवल के लिए लेजर व थ्रेड दोनों तकनीक बेहतर रहेगी. साथ ही, कॉन्सेप्ट कंपनी से अमित जगोटा और मीडिया प्लानर से अनुराग बत्रा को भी कॉन्फ्रेंस को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सम्मानित किया गया.



इस मौके पर डॉ. नीरज पांडे ने अपने सम्बोधन में प्रेसिडेंट डॉ. रश्मि सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि हमारी प्रेसिडेंट हम लोगों के बारे में सोचती हैं और कार्य करती हैं. वहीं डॉ. सुमित गुप्ता ने मशहूर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सुरेश तलवार को लखनऊ में डर्मा क्षेत्र का 'भीष्म पितामह' बताया. बता दें कि अगली बार केरल के कालीकट में 'मिड डर्माकॉन-2023' का आयोजन किया जाएगा. डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि तीसरे दिन अवार्ड्स पेपर हुए. जिसमें अलग-अलग राज्यों से आये डर्मेटोलॉजिस्ट ने अपने-अपने विषयों पर प्रेजेंटेशन दिया. कुछ नयी जानकारियां भी उनके द्वारा दी गईं. जिसे डॉ. मानस चटर्जी व डॉ. उषा गुप्ता ने जज किया. उन्होंने बताया कि कनेक्टिव टिशू डिजिजेस के बारे में चर्चा हुई. जिसमें डॉ. ब्रजेश नायर और डॉ. सौम्या पांडा ने अपने विचार रखे. दवाओं से होने वाले प्रभावों पर डॉ. ललित गुप्ता और डॉ. सुशील पांडा, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन पर डॉ. प्रज्ञा नायर और डॉ. नीना मन्द्राणी और सिर के ऊपरी बालों में होने वाले इन्फेक्शन पर भी डर्मेटोलॉजिस्ट्स ने चर्चा कर अपने विचार रखे.


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बता दें कि 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्किन की एसोसिएशन है. जिसके 50 साल पूरे हो गए हैं. एसोसिएशन में करीब 14 हजार डॉक्टर सदस्य हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य नयी-नयी बीमारियों पर रिसर्च करना और नये डॉक्टरों को उसकी जानकारी देना है.

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