लखनऊ: अनलॉक होने के बाद धीरे-धीरे सब कुछ खुल गया है, लेकिन राजधानी लखनऊ और नोएडा में दलित महापुरुषों के कोई स्मारक पार्क नहीं खोले गए. ऐसे में पर्यटक दलित चिंतकों के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं सुबह-शाम टहलने वालों को भी समस्या हो रही है. एलडीए के पार्क तो खुल गए, लेकिन सैनिटाइजर की खरीदारी न होने से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में बने ये स्मारक पार्क अभी तक बंद हैं.
सैनिटाइजर न खरीदे जाने बंद हैं पार्क
बसपा सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में पांच और नोएडा में एक स्मारक व पार्क दलित चिंतकों के नाम पर बनाए गए थे. पिछले माह अनलॉक में सभी स्मारकों को खोलने का आदेश हुआ था. लखनऊ विकास प्राधिकरण के सभी पार्कों को खोल दिया गया, लेकिन दलित महापुरुषों के स्मारक नहीं खुल सके. स्मारक, पार्क संरक्षण समिति के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिटाइजर की खरीद न होने से स्मारक नहीं खुल सके हैं. हालांकि एलडीए के निवर्तमान अध्यक्ष से स्मारक खोलने के लिए फाइल पर अनुमति मांगी गई थी, जिस पर उन्होंने पहले पूरी गाइडलाइन बनाने को कहा. गाइडलाइन में पर्यटकों के लिए सैनिटाइजर खरीदे जाने के लिए पत्रावली रखी गई. अधिकारियों के ट्रांसफर होने के चलते सैनिटाइजर की खरीद नहीं हो सकी.
अब नए सचिव पवन कुमार गंगवार के सामने फाइल पेश की गई है. उन्होंने राज्य सरकार के जेम पोर्टल के जरिए सैनिटाइजर खरीदने की इजाजत दे दी है. सैनिटाइजर की खरीद होने के बाद ही स्मारक, पार्क खुल सकेंगे. पर्यटकों के न आने से यहां कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं है. वहीं सात महीने से स्मारक पार्कों के बंद होने पर अब तक लाखों का नुकसान हो चुका है.
ये हैं प्रमुख पार्क
- डॉ.भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल गोमती नगर
- डॉ.भीमराव अंबेडकर गोमती म्यूजिकल फाउन्टेन उद्यान
- मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, पुरानी जेल रोड
- मान्यवर कांशीराम ग्रीन ईको गार्डेन, पुरानी जेल रोड
- बौद्ध विहार शांति उपवन, कानपुर रोड
- स्मृति उपवन, आशियाना
- राष्ट्रीय दलित चेतना स्थल, नोएडा