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लखनऊ: NRC और सीएबी बिल के विरोध में आयोजित हुई बैठक, करेंगे प्रदर्शन

राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नमक विधेयक के मुद्दे पर रविवार को एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में राजधानी के कई समाजिक कार्यकर्ता और प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए.

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कैफी आज़मी अकादमी में बैठक आयोजित.
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Published : Dec 9, 2019, 3:53 AM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नमक विधेयक के मुद्दे पर रविवार को एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में राजधानी के तमाम संगठन सामाजिक कार्यकर्ता और जिलेभर से कई लोग कैफी आजमी अकादमी लखनऊ में एकत्र हुए. सभी ने एक स्वर में इस विधेयक के विरोध में अपनी बात रखी.

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बैठक.

NRC और सीएबी बिल के विरोध में बैठक
इस बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी सीएबी और एनआरसी से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में अमीक जामई ने कहा कि लोगों को सरकार के असंवैधानिक कदमों का खुलकर विरोध करना चाहिए. सीएबी और एनआरसी के बारे में जागरुकता लोगों में फैले जरूरी है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि यह दोनों प्रावधान भारत की छवि को खराब कर देंगे.

वहीं सरकार असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है. इसके साथ ही यह सरकार सांप्रदायिक विभाजन भी पैदा करने की कोशिश कर रही है, इसलिए हमें एक साथ इस विधेयक के खिलाफ आना होगा.

सपा के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि भारत में धर्म कभी भी नागरिकता का आधार नहीं रहा है. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना है. सीएबी और एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हमारे देश के संविधान को बचाने के लिए इसका विरोध किया जाना जरूरी है.

वुमन एक्टिविस्ट ताहिरा हसन ने कहा कि एनआरसी और सीएबी भारत को अलग और लोगों में फूट डालने का काम करेंगे. इससे सरकार की मंशा जाहिर हो रही है. इस वजह से हम इसके खिलाफ प्रदर्शन भी करने जा रहे हैं.

इस बैठक में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद, प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित, प्रोफेसर पवन राव अंबेडकर, ओवैस सुल्तान खान और मानवाधिकार कार्यकर्ता खालिद चौधरी समेत कई लोग शामिल हुए.

पढ़ें: बढ़ती महंगाई को लेकर 8 दिसंबर को कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

लखनऊ: नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नमक विधेयक के मुद्दे पर रविवार को एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में राजधानी के तमाम संगठन सामाजिक कार्यकर्ता और जिलेभर से कई लोग कैफी आजमी अकादमी लखनऊ में एकत्र हुए. सभी ने एक स्वर में इस विधेयक के विरोध में अपनी बात रखी.

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बैठक.

NRC और सीएबी बिल के विरोध में बैठक
इस बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी सीएबी और एनआरसी से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में अमीक जामई ने कहा कि लोगों को सरकार के असंवैधानिक कदमों का खुलकर विरोध करना चाहिए. सीएबी और एनआरसी के बारे में जागरुकता लोगों में फैले जरूरी है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि यह दोनों प्रावधान भारत की छवि को खराब कर देंगे.

वहीं सरकार असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है. इसके साथ ही यह सरकार सांप्रदायिक विभाजन भी पैदा करने की कोशिश कर रही है, इसलिए हमें एक साथ इस विधेयक के खिलाफ आना होगा.

सपा के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि भारत में धर्म कभी भी नागरिकता का आधार नहीं रहा है. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना है. सीएबी और एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हमारे देश के संविधान को बचाने के लिए इसका विरोध किया जाना जरूरी है.

वुमन एक्टिविस्ट ताहिरा हसन ने कहा कि एनआरसी और सीएबी भारत को अलग और लोगों में फूट डालने का काम करेंगे. इससे सरकार की मंशा जाहिर हो रही है. इस वजह से हम इसके खिलाफ प्रदर्शन भी करने जा रहे हैं.

इस बैठक में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद, प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित, प्रोफेसर पवन राव अंबेडकर, ओवैस सुल्तान खान और मानवाधिकार कार्यकर्ता खालिद चौधरी समेत कई लोग शामिल हुए.

पढ़ें: बढ़ती महंगाई को लेकर 8 दिसंबर को कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

Intro:लखनऊ। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नमक विधेयक के मुद्दे पर आज एक बैठक आयोजित की गई। रविवार की शाम राजधानी के तमाम संगठन सामाजिक कार्यकर्ता और जिलेभर से कई लोग कैफी आज़मी अकादमी लखनऊ में एक साथ आए। सभी ने एक स्वर में इस विधेयक के विरोध में अपनी बात रखी।


Body:वीओ1 कैफी आज़मी अकादमी में की गई इस बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी सीएबी और एनआरसी से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई इसमें अमीक जामई ने कहा कि लोगों को सरकार के असंवैधानिक कदमों का खुलकर विरोध करना चाहिए सीएबी और एनआरसी के बारे में जागरूकता लोगों में फैली जरूरी है उन्हें पता होना चाहिए कि यह दोनों प्रावधान भारत की छवि को खराब कर देंगे सरकार असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है इसके अलावा यह सरकार सांप्रदायिक विभाजन भी पैदा करने की कोशिश कर रही है इसलिए हमें एक साथ इस विधेयक के खिलाफ आना होगा। सपा के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने इस बैठक में कहा कि भारत में धर्म कभी भी नागरिकता का आधार नहीं रहा है। धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना है सीएबी और एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हमारे देश के संविधान को बचाने के लिए इसका विरोध किया जाना जरूरी है। वुमन एक्टिविस्ट ताहिरा हसन ने कहा कि एनआरसी और सीएबी भारत को अलग और लोगों में फूट डालने का काम करेंगे सरकार की मंशा से जाहिर हो रही है और इस वजह से हम सोमवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे।


Conclusion:इस बैठक में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद, प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित, प्रोफेसर पवन राव अंबेडकर, ओवैस सुल्तान खान मानवाधिकार कार्यकर्ता खालिद चौधरी, सुमैया राणा, एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ मशकूर अहमद उस्मानी, सदफ जफर और सुहैल अंसारी समेत तमाम सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन के लोग इस बैठक में शामिल हुए और अपनी अपनी बात रखी। बाइट- अब्दुल हफीज गांधी, प्रवक्ता, सपा बाइट- ताहिरा हसन, वुमन एक्टिविस्ट रामांशी मिश्रा 9598003584
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