लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अधिकारियों पर बिना संविदा कर्मचारियों का पक्ष सुने संविदा समाप्त करने का आरोप लगा है. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को अधिकारियों की इस तरह की कार्रवाई की शिकायत मिली तो उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि 'सभी संविदा कर्मचारियों को हटाने से पहले सुनवाई का मौका जरूर दें. बिना उनका पक्ष जानें अगर किसी की संविदा समाप्त की जाती है और इसकी शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. परिवहन निगम के एमडी की फटकार के बावजूद लखनऊ के अलग-अलग डिपो में 16 संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने गुरूवार को सभी क्षेत्रीय और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि बिना पक्ष सुने किसी भी कर्मचारी की संविदा समाप्त नहीं की जाएगी. इससे न सिर्फ यूपीएसआरटीसी की छवि धूमिल हो रही है बल्कि न्यायालय में भी केस की संख्या में इजाफा हो रहा है. एमडी के मुताबिक, लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं कि ड्यूटी से नदारद होने, किसी गलती के मिलने पर बिना उनका पक्ष सुनें ड्राइवरों और कंडक्टरों की संविदा समाप्त की जा रही है. उन्होंने इस तरह की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. इसे नियमों के खिलाफ भी बताया है. उनका कहना है कि 'बिना पक्ष सुनें संविदा समाप्त किये जाने से कर्मचारी न्यायालय की शरण में जाते हैं. इससे कोर्ट केस बढ़ रहे हैं और निगम की छवि भी धूमिल हो रही है. अब किसी भी संविदाकर्मी के खिलाफ बिना उसका पक्ष सुनें कार्रवाई न की जाए. शिकायत मिलने पर रूट ऑफ कर दें. जब तक साक्ष्यों की पुष्टि न हो और कर्मचारी अपनी बात न रख लें, संविदा समाप्त न करें.'
बता दें कि ईटीएम न मिलने मैनुअल सिस्टम से बसों का संचालन न कर अनुपस्थित रहने वाले 16 संविदा परिचालकों की संविदा आलमबाग, कैसरबाग व अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों ने समाप्त कर दी.
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UPSRTC : 16 कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने पर एमडी ने जताई नाराजगी, जानिए क्या कहा
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में 16 संविदा परिचालकों की संविदा समाप्त कर दी गई थी. जिसके बाद प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि बिना पक्ष सुने किसी भी कर्मचारी की संविदा समाप्त नहीं की जाएगी.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अधिकारियों पर बिना संविदा कर्मचारियों का पक्ष सुने संविदा समाप्त करने का आरोप लगा है. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को अधिकारियों की इस तरह की कार्रवाई की शिकायत मिली तो उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि 'सभी संविदा कर्मचारियों को हटाने से पहले सुनवाई का मौका जरूर दें. बिना उनका पक्ष जानें अगर किसी की संविदा समाप्त की जाती है और इसकी शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. परिवहन निगम के एमडी की फटकार के बावजूद लखनऊ के अलग-अलग डिपो में 16 संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने गुरूवार को सभी क्षेत्रीय और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि बिना पक्ष सुने किसी भी कर्मचारी की संविदा समाप्त नहीं की जाएगी. इससे न सिर्फ यूपीएसआरटीसी की छवि धूमिल हो रही है बल्कि न्यायालय में भी केस की संख्या में इजाफा हो रहा है. एमडी के मुताबिक, लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं कि ड्यूटी से नदारद होने, किसी गलती के मिलने पर बिना उनका पक्ष सुनें ड्राइवरों और कंडक्टरों की संविदा समाप्त की जा रही है. उन्होंने इस तरह की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. इसे नियमों के खिलाफ भी बताया है. उनका कहना है कि 'बिना पक्ष सुनें संविदा समाप्त किये जाने से कर्मचारी न्यायालय की शरण में जाते हैं. इससे कोर्ट केस बढ़ रहे हैं और निगम की छवि भी धूमिल हो रही है. अब किसी भी संविदाकर्मी के खिलाफ बिना उसका पक्ष सुनें कार्रवाई न की जाए. शिकायत मिलने पर रूट ऑफ कर दें. जब तक साक्ष्यों की पुष्टि न हो और कर्मचारी अपनी बात न रख लें, संविदा समाप्त न करें.'
बता दें कि ईटीएम न मिलने मैनुअल सिस्टम से बसों का संचालन न कर अनुपस्थित रहने वाले 16 संविदा परिचालकों की संविदा आलमबाग, कैसरबाग व अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों ने समाप्त कर दी.
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