लखनऊ: राजधानी लखनऊ में गोमती के तट पर शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर महाआरती आयोजित की गई. इस आरती को मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने किया. इस आरती में शामिल बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने दीपक जलाया.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने बताया कि वैसे तो प्रतिदिन मां गोमती के तट पर आरती आयोजित की जाती है, लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन की आरती का एक अलग महत्व है. उन्होंने कहा कि पूर्णिमा के दिन वैसे तो मीराबाई की जयंती भी है. शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर हम लोग घर की छतों पर रख देते हैं और रात में जो किरणें उस खीर पर पड़ती हैं, वह अमृत तुल्य होती हैं.
इस खीर को खाने से स्वास्थ्य के रोगियों को बहुत ही फायदा मिलता है. इसके साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन आरती करने का फल ग्रहण काल में अमावस्या को भगवान की पूजा करने का जितना फल मिलता है, उससे कहीं अधिक फल शरद पूर्णिमा के दिन दीपक जलाने पर मिलता है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में भक्त आज शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर गोमती के तौर पर उपस्थित होकर दीपक जला रहे हैं. शरद पूर्णिमा के इस पावन पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दीपक जलाकर मां कुंती के तट को सजाया और आरती में हिस्सा लिया.
बताते चलें कि गोमती के तट पर मनकामेश्वर मंदिर द्वारा प्रतिदिन आरती आयोजित की जाती है. कोरोना के संक्रमण के कारण इस आरती में भक्तों की संख्या काफी कम हो गई थी. वहीं आज इस आरती में बड़ी संख्या में भक्तों ने दीपक जलाकर मां गोमती से अपने मन की मुराद मांगी.