लखनऊः मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने ई-सुविधा के संबंध में अधिकारियों को आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत राजस्व संग्रह के लिए ई सुविधा के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध की अवधि 24 अक्टूबर को समाप्त हो रही है. वर्तमान में उनके द्वारा संचालित काउंटरों पर अब कैश कलेक्शन का काम नियमित विभागीय कर्मचारी और सीएससी के प्रतिनिधि करेंगे. उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश भी जारी किए हैं.
प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने कहा है कि अधिशासी अभियंता (वितरण) राजस्व संग्रह कार्य के लिए कैश काउंटर पर विभागीय कर्मियों की तैनाती का कार्यालय आदेश करेंगे. राजस्व वसूली के लिए TG2 की आईडी 15 अक्टूबर तक हर हाल में बन जानी चाहिए. कैश व चेक द्वारा राजस्व संग्रह का कार्य समानांतर प्रारंभ किया जाए. सीएससी के माध्यम से कलेक्शन सेंटर के ऑपरेशन के लिए नए या पुराने प्रतिनिधियों को उक्त सेंटर के नियमित कैश कनेक्शन के लिए, पर्याप्त रिचार्ज कराने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम हो, का चयन भी किया जा सकता है.
कैश काउंटर के संचालन के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित अधिशासी अभियंता ही करेंगे. वर्तमान में इन काउंटर पर उपलब्ध उपकरण सामग्री, फर्नीचर आदि संबंधित कार्यालय अध्यक्ष के अधिकार में तब तक उपयोग के लिए रहेंगे, जब तक इनके निस्तारण के लिए सुविधा के साथ हस्ताक्षरित अनुबंध के अंतर्गत अलग से निर्णय ले लिया जाए. इसके अलावा मध्यांचल के प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण अभियंता (वितरण) को भी निर्देश दिया है कि वह इन सभी कार्यों का अनुसरण करेंगे और जरूरत के मुताबिक निर्णय प्रस्ताव संबंधित अधिशासी अभियंता से प्राप्त कर मुख्य अभियंता वितरण से अनुमोदन प्राप्त करेंगे.
इसके अलावा पूर्व में e-suvidha द्वारा संचालित काउंटर पर परिवर्तित व्यवस्था के अनुसार सुचारू रूप से राजस्व कलेक्शन के लिए कार्मियों के स्थानांतरण सहित सभी आवश्यक निर्णय लिए जाने के लिए मुख्य अभियंता (वितरण) अधिकृत होंगे. ई सुविधा की पीओएस मशीन और मोबाइल बैंक से अनुबंध समाप्त के बाद अब कार्य नहीं कराया जाएगा. इन सभी व्यवस्थाओं का उपयुक्त प्रचार-प्रसार कराया जाएगा जिससे उपभोक्ताओ को ई सुविधा के साथ अनुबंध समाप्ति के बाद उक्त काउंटर पर अपना बिजली बिल जमा करने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.
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