लखनऊ: पिछले 38 महीने से तनख्वाह न मिलने से यूपी के मदरसा मॉर्डन टीचर्स दर बदर भटकने को मजबूर हैं. राजधानी के इको गार्डन में एक बार फिर से यूपी भर से आए मदरसा मॉडर्न टीचर्स इकठ्ठे हुए. मदरसा टीचर्स ने अपनी बकाया सैलरी की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है.
मदरसा मॉडर्न टीचर्स का छलका दर्द...
- दिल्ली से लेकर लखनऊ तक यह मदरसा मॉडर्न टीचर्स अपनी 38 माह की बकाया तनख्वाह को लेकर सरकार से गुहार लगा चुके हैं.
- कोई अपनी बेटी की शादी के लिए परेशान है, तो कोई बच्चों की शिक्षा को लेकर.
- मदरसा टीचर्स ने कहा इस योजना के आने सोचा था भारत के बच्चों को शिक्षा देंगे, लेकिन जब हम ही भूखे मर रहे हैं, तो कैसे बच्चों का भविष्य संवारे.
- मदरसा टीचर्स का कहना है, सरकार का मदरसा मॉडर्न टीचर्स को लेकर भेदभाव वाला रवैया लम्बे वक्त से रहा है.
- मदरसों में 60 फीसदी मुस्लिम टीचर हैं और 40 फीसदी गैर मुस्लिम टीचर हैं. जिसमें बड़ी तादाद में महिला टीचर्स भी शामिल हैं.
- टीचर्स का कहना है कि तकरीबन 3 साल होने को आ रहा है, लेकिन तनख्वाह न मिलने के चलते घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं.
25,000 मदरसा मॉडर्न टीचर्स को नहीं मिली तनख्वाह...
- उत्तर प्रदेश में 9000 मदरसों में काम करने वाले यह 25,000 मदरसा मॉडर्न टीचर्स करीब 10 लाख बच्चों को हिंदी गणित साइंस कंप्यूटर जैसे विषय पढ़ाते हैं.
- कड़ी मशक्कत के बाद इन मदरसा टीचर्स को मिलने वाली तनख्वाह पहले से ही बहुत कम है .
- मदरसा टीचर्स में ग्रेजुएट टीचर को 8000 और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को राज्य और केंद्र की सरकार मिलाकर 15 हजार रुपये देती है.
- पिछले 38 महीनों से लगातार मदरसा मॉर्डन टीचर्स की तनख्वाह नहीं मिली है. जिससे इनके हालात और उनके परिवारों की माली हालात बद से बदतर हो गए हैं.
लखनऊ में धरने पर बैठे यह मदरसा मॉर्डन टीचर्स देश में एक बार दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर उम्मीद जता रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा था, कि सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास हासिल करने की जरूरत है, तो उस पर अमल करते हुए उनकी बकाया तनख्वाह इनको दी जाए. जिससे मदरसा टीचर्स का भी विश्ववास हासिल हो सके.