लखनऊ: उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के तहत होने वाली परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो रही हैं. प्रदेश सरकार ने इस बार यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन कराने की तैयारी की है. परीक्षाओं को संचालित कराने के लिए प्रदेश भर में 557 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 1 लाख 82 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को सीसीटीवी की निगरानी में सम्पन्न कराया जाएगा. 25 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षाएं 5 मार्च को सम्पन्न हो जाएंगी, जिसमें 97 हजार 348 छात्र और 84 हजार 910 छात्राएं भाग लेंगी.
नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए सेंटर पर सीसीटीवी की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को सम्पन्न कराने की तैयारी कर ली है. आज से मुंशी/ मौलवी, आलिम, कामिल एवं फाजिल की परीक्षाएं शुरू होंगी, जो 10 दिनों के अंदर 5 मार्च को सम्पन्न होंगी. मदरसा बोर्ड की इन परीक्षाओं के लिए सूबे में 557 परीक्षा केंद्र बनाए गए है. इसके साथ ही प्रत्येक जिले में एक मॉडल परीक्षा केंद्र बनाया गया है. मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को पूरी तरह से नकलविहीन बनाने के लिए सचल दस्ते और सीसीटीवी लगाए गए हैं. वहीं साथ ही सभी जिलाधिकारियों को परीक्षाओं को नकलविहीन सम्पन्न कराने के निर्देश दिए गए है.
दो पालियों में होगी परीक्षा
मदरसा बोर्ड की ये परीक्षाएं 2 पालियों में होंगी, जिसमें पहली पाली सुबह 8 से 11 है तो वहीं दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के बीच चलेगी. प्रश्नपत्रों को इस वर्ष घटाकर कम कर दिया गया है. मुंशी/मौलवी के लिए इस बार 6 प्रश्नपत्र होंगे तो वहीं आलिम के लिए 5 प्रश्नपत्र होंगे. सरकार की ओर से दिए गए तर्क में कहा गया है कि परीक्षा को लम्बी और उबाऊ परीक्षाओं से मुक्ति दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
सारे एग्जाम सेंटर्स जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनाकर परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं. प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास की नीति पर एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप देने की नीति पर काम कर रही है.
मोहसिन रजा, राज्यमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण