लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय अपने स्टूडेंट्स के लिए कई लाभकारी योजनाएं शुरू करने जा रहा है, जिसमें से एक खास योजना ‘संवर्धन’ भी है. इस योजना को एलयू कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के एक साल के कार्यकाल पूरा होने पर लांच किया जाएगा. बता दें कि एलयू कुलपति का 30 दिसंबर को एक साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है.
क्या है संवर्धन योजना
संवर्धन योजना के तहत एक स्टूडेंट्स जो सीनियर होगा, वह अपने जूनियर स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करेगा. हालांकि इसमें कोई भी स्टूडेंट अपने पिछले सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को गाइड नहीं कर सकेगा. विवि की डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कोई स्टूडेंट्स अगर यूजी की पढ़ाई कर रहा है तो उसका पीजी का कोई भी इच्छुक स्टूडेंट मार्ग दर्शन करेगा. इसी तरह पीएचडी का रिसर्च स्कॉलर अपने से जूनियर पीजी के स्टूडेंट का मार्ग दर्शन करेगा.
एक साल का होगा कार्यकाल
प्रो. टंडन के मुताबिक, अगर किसी स्टूडेंट्स के अंतर्गत कुछ छात्र मार्गदर्शन ले रहे हैं तो उस सीनियर स्टूडेंट्स का उस जूनियर स्टूडेंट को गाइड करने का सिर्फ एक साल का ही कार्यकाल होगा, जिसके बाद उस सीनियर स्टूडेंट्स को एलयू कुलपति द्वारा एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सार्टिफिकेट को स्टूडेंट्स अपने करियर के बायोडाटा में लिख सकेगा. इसके अलावा यह सर्टिफिकेट उन स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा उपयोगी होगा, जो आगे चलकर मेंटर अथवा लीडर की भूमिका में किसी भी जगह कार्य करेंगे. ये सीनियर अपने जूनियर की हर वो संभव मदद करेंगे, जो उसको चाहिए होगी.
विभागाध्यक्ष 30 दिसंबर तक भेजे लिस्ट
प्रो. टंडन ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों को इस योजना के लिए सूचित कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि सभी विभागाध्यक्ष अपने इच्छुक सीनियर स्टूडेंट्स की लिस्ट 30 दिसंबर तक भेज दें. साथ ही अपने विभाग की वेबसाइट पर भी उन स्टूडेंट्स के नाम की सूची अपलोड कर दें.
रिसर्च स्कॉलरों का सम्मान
विवि विशिष्ट संकायों और रिसर्च स्कॉलरों को सम्मानित करेगा. यह सम्मान समारोह 30 दिसंबर को मालवीय सभागार में आयोजित होगा. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि कार्यक्रम में पिछले 5 वर्षों में उत्कृष्ट शैक्षणिक और अनुसंधान उपलब्धियों के लिए 15 प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को प्रशंसा पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसमें सम्मान पत्र, पदक और नकद पुरस्कार शामिल हैं. साथ ही उपन्यास परियोजना विचारों को शुरू करने और तलाशने के लिए अनुदान के रूप में 12 संकाय सदस्यों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा. इसमें एक प्रमाण पत्र के साथ 20 हजार का परियोजना अनुदान मिलेगा. इसी के साथ संकायों और अनुसंधान विद्वानों को उद्दीपन पुरस्कार दिया जाएगा. इसमें संकायों के लिए प्रति वर्ष 1100 रुपये और एक प्रमाण पत्र के साथ अनुसंधान विद्वानों के लिए प्रति वर्ष 1100 रुपये प्रति पेपर दिया जाएगा. यह पुरस्कार लगातार तीन वर्षों के लिए दिया जाएगा.