ETV Bharat / state

लखनऊ विवि. को PURSE के तहत 4.04 करोड़ का अनुमोदन प्राप्त - लखनऊ विश्वविद्यालय का विज्ञान विभाग

लखनऊ विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च साइंटिफिक एक्सलेन्स प्रोग्राम के तहत इस वित्तीय वर्ष के लिए 4.04 करोड़ रुपये का अनुमोदन राशि मिला है. विवि. विभाग के प्रयोगशालाओं को विकसित करने के लिए विज्ञान संकाय से विशेषज्ञों की एक संचालन समिति का गठन करने जा रहा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय को 4 करोड़ की मिली अनुमोदन राशि
लखनऊ विश्वविद्यालय को 4 करोड़ की मिली अनुमोदन राशि
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 8:36 AM IST

लखनऊ: विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च साइंटिफिक एक्सलेन्स प्रोग्राम (PURSE) के तहत 4.04 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अनुमोदन किया गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय को एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है, जिसे विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर विज्ञान-आधारिक संरचना विकसित करने के लिए पहचाना गया है.

DST-PURSE अनुदान केवल उन्हीं विश्वविद्यालयों को स्वीकृत किया जाता है, जिनके पास बहुत अच्छे अनुसंधान कार्यों का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड होता है. ऐसे तथ्यों को प्रकाशनों के प्रभाव कारक (impact factor) और H-index के साथ प्रमाणित किया जाता है.

2017 में किया गया था स्वीकृत
DST-PURSE कार्यक्रम का दूसरा चरण वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय को स्वीकृत किया गया था, जिसमें कुल 4 साल के लिए 8.37 करोड़ रुपये मंजूर किए गए. पहली किस्त में 2.87 करोड़ रुपये अनुमोदित हुए, जिसे भौतिकी विभाग, गणित और खगोल विज्ञान विभाग और सांख्यिकी विभाग में एक उन्नत संगणना प्रयोगशाला विकसित करके उपयोग किया गया.

बॉटनी विभाग में आण्विक स्तर के विश्लेषण हेतु एलेक्ट्रोफोरेसिस का कॉम्पैक्ट सिस्टम, माइक्रो सेंट्रीफ्यूज, क्लेवेंजर उपकरण और उन्नत सांपल (sample) प्रसंस्करण प्रयोगशाला स्थापित किए गए हैं. उपरोक्त स्वीकृत अनुदान की सहायता से प्रयोगशाला और तकनीकी कर्मचारियों के 10 पदों को भी रोजगार प्रदान किया गया है.

अनुमोदन राशि प्रदान की गई
दुर्भाग्य से इस अनुदान के 1 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग कार्यक्रम के पहले दो वित्तीय वर्षों में नहीं किया जा सका और यह अनुदान डीएसटी को वापस कर दिया गया. माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने डीएसटी के साथ विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर विभूति राय के माध्यम से इस मामले का संज्ञान लिया. प्रो. विभूति राय ने फरवरी 2020 में आईआईटी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति के समक्ष विश्वविद्यालय के PURSE अनुदान से संबंधित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की.

उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन रिकॉर्ड के साथ एक प्रभावशाली प्रस्तुति से यह बात स्पष्ट हुई कि विश्वविद्यालय के विज्ञान विभागों की प्रमुख उपलब्धियों की वजह से लखनऊ विश्वविद्यालय देश के सबसे अच्छे DST-PURSE वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में से एक है. इस प्रदर्शन ने न केवल अगले वर्ष के अनुदान के लिए स्वीकृति प्राप्त की, बल्कि पिछले वर्ष के व्यपगत अनुदान के उपयोग की भी अनुमति पाने मे सफल रही.

समिति का गठन की तैयारी
हाल ही में स्वीकृत आदेश में विश्वविद्यालय को इस वित्तीय वर्ष के लिए 4.04 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है. यह विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य के तहत अन्य सभी सरकारी वित्त पोषित परियोजनाओं पर कम से कम एक वर्ष के लिए रोक लगा दी गई है. विश्वविद्यालय जल्द ही अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं को विकसित करने के लिए उपकरणों आदि की खरीद के लिए विज्ञान संकाय से विशेषज्ञों की एक संचालन समिति का गठन करने जा रहा है.

लखनऊ: विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च साइंटिफिक एक्सलेन्स प्रोग्राम (PURSE) के तहत 4.04 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अनुमोदन किया गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय को एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है, जिसे विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर विज्ञान-आधारिक संरचना विकसित करने के लिए पहचाना गया है.

DST-PURSE अनुदान केवल उन्हीं विश्वविद्यालयों को स्वीकृत किया जाता है, जिनके पास बहुत अच्छे अनुसंधान कार्यों का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड होता है. ऐसे तथ्यों को प्रकाशनों के प्रभाव कारक (impact factor) और H-index के साथ प्रमाणित किया जाता है.

2017 में किया गया था स्वीकृत
DST-PURSE कार्यक्रम का दूसरा चरण वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय को स्वीकृत किया गया था, जिसमें कुल 4 साल के लिए 8.37 करोड़ रुपये मंजूर किए गए. पहली किस्त में 2.87 करोड़ रुपये अनुमोदित हुए, जिसे भौतिकी विभाग, गणित और खगोल विज्ञान विभाग और सांख्यिकी विभाग में एक उन्नत संगणना प्रयोगशाला विकसित करके उपयोग किया गया.

बॉटनी विभाग में आण्विक स्तर के विश्लेषण हेतु एलेक्ट्रोफोरेसिस का कॉम्पैक्ट सिस्टम, माइक्रो सेंट्रीफ्यूज, क्लेवेंजर उपकरण और उन्नत सांपल (sample) प्रसंस्करण प्रयोगशाला स्थापित किए गए हैं. उपरोक्त स्वीकृत अनुदान की सहायता से प्रयोगशाला और तकनीकी कर्मचारियों के 10 पदों को भी रोजगार प्रदान किया गया है.

अनुमोदन राशि प्रदान की गई
दुर्भाग्य से इस अनुदान के 1 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग कार्यक्रम के पहले दो वित्तीय वर्षों में नहीं किया जा सका और यह अनुदान डीएसटी को वापस कर दिया गया. माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने डीएसटी के साथ विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर विभूति राय के माध्यम से इस मामले का संज्ञान लिया. प्रो. विभूति राय ने फरवरी 2020 में आईआईटी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति के समक्ष विश्वविद्यालय के PURSE अनुदान से संबंधित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की.

उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन रिकॉर्ड के साथ एक प्रभावशाली प्रस्तुति से यह बात स्पष्ट हुई कि विश्वविद्यालय के विज्ञान विभागों की प्रमुख उपलब्धियों की वजह से लखनऊ विश्वविद्यालय देश के सबसे अच्छे DST-PURSE वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में से एक है. इस प्रदर्शन ने न केवल अगले वर्ष के अनुदान के लिए स्वीकृति प्राप्त की, बल्कि पिछले वर्ष के व्यपगत अनुदान के उपयोग की भी अनुमति पाने मे सफल रही.

समिति का गठन की तैयारी
हाल ही में स्वीकृत आदेश में विश्वविद्यालय को इस वित्तीय वर्ष के लिए 4.04 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है. यह विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य के तहत अन्य सभी सरकारी वित्त पोषित परियोजनाओं पर कम से कम एक वर्ष के लिए रोक लगा दी गई है. विश्वविद्यालय जल्द ही अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं को विकसित करने के लिए उपकरणों आदि की खरीद के लिए विज्ञान संकाय से विशेषज्ञों की एक संचालन समिति का गठन करने जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.