लखनऊ: भारतीय शिक्षण संस्थानों की एनआईआरएफ (NIRF) रैंकिंग फ्रेमवर्क की दौड़ में लखनऊ विश्वविद्यालय का नाम पहली बार शामिल किया गया है. इससे पहले राजधानी से डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल यूनिवर्सिटी, केजीएमयू, एकेटीयू और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी दौड़ में रह चुकी है, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय को पहली बार रेस में जगह मिली है.
एलयू का अन्य विश्वविद्यालयों के साथ मुकाबला
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से 6 साल पहले शुरू हुई इस रैंकिंग के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने दावेदारी पेश की है. ऐसे में देश के टॉप यूनिवर्सिटी आईआईटी, एनआईटी, इंजीनियरिंग, लॉ यूनिवर्सिटी व कॉलेज और अन्य से लखनऊ विश्वविद्यालय का सीधा मुकाबला है. इससे पहले डॉ. राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी, केजीएमयू, एकेटीयू और बाबा भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी दौड़ में रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय पहली बार इस रेस में शामिल हुआ है है.
NIRF रैंकिंग के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने 9 में से 5 श्रेणियों में अप्लाई किया है. शिक्षा मंत्रालय को भेजे गए प्रपोजल में यूनिवर्सिटी के 2020- 21 सत्रों में छात्रों के परिणाम, यहां के पब्लिकेशन, अवार्ड हुई डिग्रियां, पेटेंट फाइल, प्रोजेक्ट, शोध, फैकल्टी की संख्या, फैकल्टी की योग्यता आदि के बारे में जानकारी दी गई है. अब मंत्रालय में गठित टीम प्रपोजल की जांच करेगी और कमियां होने पर संशोधन के लिए भेजेगी. उम्मीद जताई गई है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी को एनआईआरएफ में अच्छी रैंक मिलेगी.
आपको बता दें कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एनआईआरएफ का गठन किया गया है. एमएचआरडी हर साल इसे जारी करता है. केंद्र सरकार नैक रैंकिंग और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर ही संस्थानों को फंड मुहैया कराती है. वहीं फ्रेमवर्क संसाधनों, अनुसंधान और हित धारक की धारणा जैसे रैंकिंग उद्देश्यों के लिए कई मापदंडों को देखा जाता है. इन्हें 5 समूहों में बांटा गया है.