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11 छात्रों की भूख हड़ताल से नरम पड़ा लखनऊ विवि, प्रवेश पत्र देकर चुपके से रखी शर्त- खाओ कसम, अब कॉलेज से गोल नहीं होंगे - लखनऊ विश्वविद्यालय की खबर

लखनऊ विश्वविद्यालय की भूख हड़ताल के सामने विश्वविद्यालय प्रशासन झुक गया है. हालांकि विवि प्रशासन ने एक शर्त भी रख दी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2023, 10:03 AM IST

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते करीब चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे 11 छात्रों के सामने विश्वविद्यालय प्रशासन आखिरकार झुक गया. भूख हड़ताल पर बैठे सभी 11 छात्रों को प्रवेश पत्र जारी कर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी. इससे पहले शनिवार को हड़ताल पर बैठे अनशनकारी छात्रों की तबीयत बिगड़ने पर जिला अधिकारी सर्पा गंगवार उनसे मिलने विश्वविद्यालय पहुंचे. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से भी पहल कर छात्रों के आंदोलन को खत्म करने को कहा दोपहर में विश्वविद्यालय ने छात्रों को शर्त के साथ प्रवेश पत्र और परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों को इस संबंध में एक शपथ पत्र देने को कहा है कि अगले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति कम नहीं होगी. विश्वविद्यालय से प्रवेश पत्र जारी होने के बाद छात्रों ने आंदोलन खत्म कर दिया.

विश्वविद्यालय की सेमेस्टर की परीक्षा 12 दिसंबर से शुरू हुई थी. इसी दिन विश्वविद्यालय ने बीते महीने छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर हुए आंदोलन में शामिल 11 छात्रों को उपस्थिति कम होने का हवाला देकर उनका प्रवेश पत्र रोक दिया था. इसके बाद सभी छात्रों ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन शासन चुनाव बहाली करने को लिए हुए प्रदर्शन से नाराज होकर उन्हें परीक्षा देने से रोक रहा है.

छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया था और पहले 12 दिसंबर को धरना शुरू किया था जब विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को नहीं माना तो छात्र 13 दिसंबर से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. तीन दिन तक चल भूख हड़ताल के बाद भी जब छात्रों की मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं माना तो शुक्रवार से छात्रों ने जल भी त्याग दिया था.


इसके बाद शुक्रवार की देर रात भूख हड़ताल पर बैठे 11 छात्रों में से तीन की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. भूख हड़ताल में शामिल छात्र विंध्यवासिनी शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्या नहीं सुनता है जब लगातार छात्रों की हालत बिगड़ी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक हमारी बात पहुंचाई गई जिसके बाद मुख्यमंत्री के दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बात मानने को तैयार हुआ. उन्होंने भूख हड़ताल में शामिल छात्रों का समर्थन करने पर लखनऊ विश्वविद्यालय संबाद डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ लुआक्टा का भी धन्यवाद दिया है.

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते करीब चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे 11 छात्रों के सामने विश्वविद्यालय प्रशासन आखिरकार झुक गया. भूख हड़ताल पर बैठे सभी 11 छात्रों को प्रवेश पत्र जारी कर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी. इससे पहले शनिवार को हड़ताल पर बैठे अनशनकारी छात्रों की तबीयत बिगड़ने पर जिला अधिकारी सर्पा गंगवार उनसे मिलने विश्वविद्यालय पहुंचे. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से भी पहल कर छात्रों के आंदोलन को खत्म करने को कहा दोपहर में विश्वविद्यालय ने छात्रों को शर्त के साथ प्रवेश पत्र और परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों को इस संबंध में एक शपथ पत्र देने को कहा है कि अगले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति कम नहीं होगी. विश्वविद्यालय से प्रवेश पत्र जारी होने के बाद छात्रों ने आंदोलन खत्म कर दिया.

विश्वविद्यालय की सेमेस्टर की परीक्षा 12 दिसंबर से शुरू हुई थी. इसी दिन विश्वविद्यालय ने बीते महीने छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर हुए आंदोलन में शामिल 11 छात्रों को उपस्थिति कम होने का हवाला देकर उनका प्रवेश पत्र रोक दिया था. इसके बाद सभी छात्रों ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन शासन चुनाव बहाली करने को लिए हुए प्रदर्शन से नाराज होकर उन्हें परीक्षा देने से रोक रहा है.

छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया था और पहले 12 दिसंबर को धरना शुरू किया था जब विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को नहीं माना तो छात्र 13 दिसंबर से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. तीन दिन तक चल भूख हड़ताल के बाद भी जब छात्रों की मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं माना तो शुक्रवार से छात्रों ने जल भी त्याग दिया था.


इसके बाद शुक्रवार की देर रात भूख हड़ताल पर बैठे 11 छात्रों में से तीन की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. भूख हड़ताल में शामिल छात्र विंध्यवासिनी शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्या नहीं सुनता है जब लगातार छात्रों की हालत बिगड़ी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक हमारी बात पहुंचाई गई जिसके बाद मुख्यमंत्री के दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बात मानने को तैयार हुआ. उन्होंने भूख हड़ताल में शामिल छात्रों का समर्थन करने पर लखनऊ विश्वविद्यालय संबाद डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ लुआक्टा का भी धन्यवाद दिया है.

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