लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने मंगलवार को नगर आयुक्त को एक पत्र लिखा है. कुलसचिव का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने स्तर से कार्यालयों/परिसरों में सैनिटाइजेशन का कार्य करा रहा है, लेकिन विशेषज्ञता की कमी के कारण पूर्ण रूप से सैनिटाइजेशन नहीं हो पा रहा है. इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से भागने में लगा है. पहले सैनिटाइजेशन के नाम पर अच्छा खासा बजट बर्बाद कर दिया गया और अब उसमें कमी बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं.
अब आई सैनिटाइजेशन कराने की याद
लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते दिनों पद्मश्री प्रोफेसर बीके शुक्ला की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हो गई. विश्वविद्यालय परिसर में कई शिक्षक और कर्मचारियों के संक्रमित होने और मौतें होने के बाद सामने आए इस पत्र ने कई सवाल खड़े कर दिए. इस पत्र के अंत में कुलसचिव ने लिखा है कि, 'आपसे अनुरोध है कि कृपया विश्वविद्यालय परिसर एवं आवासीय परिसर को अपने स्तर से सैनिटाइज कराने का कष्ट करें.'
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शिक्षकों और छात्रों में इस पत्र को लेकर नाराजगी
शिक्षकों और छात्रों में इसको लेकर काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को सैनिटाइजेशन की पूरी जिम्मेदारी उठानी चाहिए थी. अगर इतने दिनों से सैनिटाइजेशन ठीक से नहीं हो रहा था तो सबके जीवन को खतरे में क्यों डाला गया? छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से भागने में लगा है. पहले सैनिटाइजेशन के नाम पर अच्छा खासा बजट बर्बाद कर दिया और अब उसमें कमी बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं.