लखनऊ: कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के बाद पहली बार सोमवार को लखनऊ नगर निगम का सदन आयोजित किया हुआ. नगर निगम के 110 पार्षदों की मौजूदगी और महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में सदन का आयोजन हुआ. लंबे समय बाद हो रहे आयोजन में जनता की समस्याओं को पार्षदों ने बेबाकी से उठाया. वहीं इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्षदों में नोकझोंक भी देखने को मिली. जनता की समस्याओं को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद आपस में भिड़ गए और धक्का-मुक्की भी हुई. वहीं इस सदन में श्मशान घाट और कब्रिस्तान का सुंदरीकरण कराने पर सहमति भी बनी. भू-माफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने, जल निगम की तरफ से आलमबाग में बिछाई जा रही सीवर लाइन और जीआईएस सर्वे को लेकर पार्षदों ने खूब सवाल उठाए, जिसका जवाब नगर निगम के अधिकारियों ने दिया.
हंगामेदार रहा नगर निगम का सदन
6 महीनों बाद नगर निगम लखनऊ का सदन आयोजन किया गया. 110 पार्षदों की मौजूदगी में सदन का पहला सत्र हंगामेदार रहा. इस दौरान समस्याओं को लेकर अधिकारियों से काफी सवाल-जवाब भी किए. वहीं विपक्षी पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों और माफियाओं की मिलीभगत व भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर घेराबंदी भी की. इस दौरान ओम नगर वार्ड के कांग्रेस पार्षद के सवाल को लेकर सत्ता पक्ष के पार्षद भिड़ गए और आपस में धक्का-मुक्की की नौबत तक आ गई.
कब्रिस्तान और श्मशान घाट के सुंदरीकरण को लेकर बनी सहमति
नगर निगम के सदन में शहर के शमशान घाट और कब्रिस्तान का सुंदरीकरण कराए जाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है. वहीं आलमबाग क्षेत्र में डाली जा रही सीवर लाइन को लेकर पार्षदों ने कई तरह के सवाल खड़े किए और सीवर लाइन में पीली ईंटों के प्रयोग का आरोप भी लगाया. साथ ही सदन के दौरान कूड़ा प्रबंधन को लेकर भी मुद्दा उठाया गया. खराब सड़कों और भू-माफियाओं द्वारा किए जा रहे कब्जे को रोकने पर भी पार्षदों ने खूब शोर मचाया. नगर निगम की महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि सदन का आयोजन लंबे समय बाद किया गया है. कोरोनावायरस के चलते सावधानियां भी बरती जा रही हैं. सदन में कई तरह के प्रस्ताव और सुझाव मिले हैं, जिन पर विचार किया जाएगा. साथ ही महापौर ने कहा कि भू-माफियाओं के कब्जे पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.