लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में नगर निगम ने गृहकर न जमा करने वाले बकाएदारों के खिलाफ वसूली करने का काम शुरू कर दिया है. इसके तहत बकाएदारों के घर और प्रॉपर्टी के सामने मुनादी करायी जा रही है. मंगलवार को जोन चार गोमती नगर में बड़ी कार्रवाई की गयी. राजस्व बकाया वसूलने के लिए दो बड़े प्रतिष्ठान सील कर दिए. ये दोनों प्रतिष्ठान रसूखदारों के बताये जा रहे हैं.
लखनऊ में बड़े बकाएदारों की सूची लंबी होती जा रही है. ऐसे में बड़े बकायेदारों के यहां नगर निगम ने सख्त रवैया अपना लिया है. सोमवार को जोन एक में 11 दुकानें सील की गयी थीं. मंगलवार को जोनल अधिकारी सुजीत श्रीवास्तव के नेतृत्व में गोमती नगर के हुसडिया चौराहा स्थित वन प्लेस ग्रुप का ऐफल कैफे को सील कर दिया गया. इस पर 9.46 लाख का हाऊस टैक्स बकाया है. जोनल अधिकारी ने बताया कि कई बार कार्रवाई के बाद भी टैक्स नहीं जमा किया जा रहा था. यह किसी आईपीएस अधिकारी का बताया जा रहा है. यहां सैलून चल रहा था. रसूखदार के नाम से जुड़े इस टावर को पूर्व नगर आयुक्त के आदेश पर भी सील किया गया था. लेकिन दबाव पड़ने पर तुरंत ही खोल दिया गया था.
अब एक बार फिर सख्ती के चलते नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के नेतृत्व में जोनल अधिकारी जोन 4 सुजीत श्रीवास्तव व नगर निगम टीम ने इसे सील कर दिया. इसके अलावा विशाल खंड दो में भवन संख्या 2/62 विशाल खंड में चल रहे कॉल सेंटर समेत अन्य वाणिज्यक प्रतिष्ठान सील कर दिया है. यह अम्बेडकरनगर से बसपा सांसद का बताया जा रहा है.
जोनल अधिकारी के अनुसार, लगातार नोटिस के बाद भी लोग बकाया नहीं जमा कर रहे थे. इसके चलते कार्रवाई की गयी. उन्होंने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. 'एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में भी बड़े प्रतिष्ठानों ने अपना बकाया नहीं जमा किया था. इसमें नगर-निगम ने अच्छी खासी छूट भी दी थी. बार-बार गुजारिश के बाद भी ये लोग अपने लंबित टैक्स को लेकर नहीं चेत रहे थे. तब मजबूरन हमें यह कदम उठाना पड़ा है.