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नियमों को ताक पर रख बिना ढके ढोया जा रहा कूड़ा, लोगों पर बीमारी का खतरा - Fear of spreading disease in Lucknow

लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) नियमों को ताक पर रख दिया है. खुले ट्रकों में ढोया जा रहा कचरा शहर की सड़कों पर फैल रहा है. ईटीवी भारत के कैमरे में इस बदइतंजामी कैद हुई है.

लखनऊ नगर निगम.
लखनऊ नगर निगम.
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Published : Aug 19, 2021, 3:50 PM IST

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने खुद के बनाए नियमों को ताक पर रख दिया है. हाल यह है कि कूड़ा निस्तारण के नाम पर शहर भर में गंदगी फैलाई जा रही है. इस अव्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है. खुले ट्रकों में ढोया जा रहा कचरा कैसे शहर की सड़कों पर फैल रहा है, ईटीवी भारत ने नगर निगम की इस बदइतजामी को अपने कैमरे में भी कैद किया है.

नियमानुसार शहर के विभिन्न स्थानों से कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों को ढककर ही ले जाना चाहिए, ताकि गाड़ियों से कूड़ा इधर-उधर न उड़े, लेकिन शहर में इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं. दिनभर कूड़ा लदे ट्रक बिना ढके कूड़ा ले जाते देखे जा सकते हैं. हमने ऐसे कचरा ले जाते हुए ट्रकों को अपने कैमरे में कैद किया. दयाल पैराडाइज चौराहा से होकर मुख्यमंत्री आवास के सामने बने चौराहे तक उसका पीछा किया. भारी ट्रैफिक के बीच कचरे से ओवर लोड ट्रक तेजी से आगे बढ़ा जा रहा था. तेज हवा के झोंकों से इसमें भरा हुआ कूड़ा आसपास निकलने वाले लोगों के ऊपर गिरता है. हालांकि नगर निगम कर्मियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता. नगर निगम शहर के अलग-अलग इलाकों से कूड़ा इकट्ठा करता है. इसके बाद कूड़े को गोमती नगर ट्रांसपोर्ट स्टेशन से शिवली प्लांट तक पहुंचाया जाता है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ नगर निगम की लिफ्ट में फंसा कर्मचारी, घंटों मशक्कत के बाद बची जान


क्या कहते हैं चिकित्सक
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुनील कुमार बताते हैं कि कूड़े से बीमारियां फैलती हैं यह सबको पता है. वाहनों में जब कूड़े को जगह-जगह से लाया जाएगा तो बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ जाएगा. इसीलिए कूड़े को ढककर ले जाने का नियम है. नगर निगम को इसका ध्यान रखना चाहिए कि कूड़ा निस्तारण व्यवस्था से नागरिकों की सोहत को नुकसान न हो.

क्या कहते हैं नगर निगम के अधिकारी
लखनऊ नगर निगम जोन-4 के जोनल अधिकारी सुजीत श्रीवास्तव ने बताया कि कचरे के ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी इकोग्रीन कंपनी के पास में है. इसके मानक निर्धारित है. उसे ढककर लेकर जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी होगी.

शहरभर में दिख रहे कूड़े के ढेर
शहर में कूड़े की यह बदइंतजामी सिर्फ लाने-ले जाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के डंपिंग यार्ड बन गए. माल एवेन्यू से लेकर शहर के पॉश इलाकों तक में कूड़े के ढेर साफ नजर आ रहे हैं.

सफाई के लिए 70 करोड़ का बजट
लखनऊ नगर निगम की कमाई का एक बड़ा हिस्सा शहर की सफाई के नाम पर खर्च किया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 के बजट में करीब 70 करोड़ रुपये का प्रावधान सफाई ठेके के नाम पर किया गया. इतने मोटे बजट के बावजूद शहर की गंदी सड़कें नगर निगम के अधिकारियों और जिम्मेदारों पर सवाल खड़े कर रही हैं.

करीब 13 सौ मीट्रिक टन कूड़ा
राजधानी लखनऊ में प्रतिदिन करीब 13 सौ मेट्रिक टन कूड़ा निकलता निकलता है. फिलहाल इसके निस्तारण की जिम्मेदारी इकोग्रीन नाम की चीन की कंपनी को दी गई है. राजधानी लखनऊ में बने शिवली प्लांट में इस कूड़े का निस्तारण किया जाता है, लेकिन यहां कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया ठीक न होने के कारण शहर में छह लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा इकट्ठा हो चुका है.

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने खुद के बनाए नियमों को ताक पर रख दिया है. हाल यह है कि कूड़ा निस्तारण के नाम पर शहर भर में गंदगी फैलाई जा रही है. इस अव्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है. खुले ट्रकों में ढोया जा रहा कचरा कैसे शहर की सड़कों पर फैल रहा है, ईटीवी भारत ने नगर निगम की इस बदइतजामी को अपने कैमरे में भी कैद किया है.

नियमानुसार शहर के विभिन्न स्थानों से कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों को ढककर ही ले जाना चाहिए, ताकि गाड़ियों से कूड़ा इधर-उधर न उड़े, लेकिन शहर में इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं. दिनभर कूड़ा लदे ट्रक बिना ढके कूड़ा ले जाते देखे जा सकते हैं. हमने ऐसे कचरा ले जाते हुए ट्रकों को अपने कैमरे में कैद किया. दयाल पैराडाइज चौराहा से होकर मुख्यमंत्री आवास के सामने बने चौराहे तक उसका पीछा किया. भारी ट्रैफिक के बीच कचरे से ओवर लोड ट्रक तेजी से आगे बढ़ा जा रहा था. तेज हवा के झोंकों से इसमें भरा हुआ कूड़ा आसपास निकलने वाले लोगों के ऊपर गिरता है. हालांकि नगर निगम कर्मियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता. नगर निगम शहर के अलग-अलग इलाकों से कूड़ा इकट्ठा करता है. इसके बाद कूड़े को गोमती नगर ट्रांसपोर्ट स्टेशन से शिवली प्लांट तक पहुंचाया जाता है.

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क्या कहते हैं चिकित्सक
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुनील कुमार बताते हैं कि कूड़े से बीमारियां फैलती हैं यह सबको पता है. वाहनों में जब कूड़े को जगह-जगह से लाया जाएगा तो बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ जाएगा. इसीलिए कूड़े को ढककर ले जाने का नियम है. नगर निगम को इसका ध्यान रखना चाहिए कि कूड़ा निस्तारण व्यवस्था से नागरिकों की सोहत को नुकसान न हो.

क्या कहते हैं नगर निगम के अधिकारी
लखनऊ नगर निगम जोन-4 के जोनल अधिकारी सुजीत श्रीवास्तव ने बताया कि कचरे के ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी इकोग्रीन कंपनी के पास में है. इसके मानक निर्धारित है. उसे ढककर लेकर जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी होगी.

शहरभर में दिख रहे कूड़े के ढेर
शहर में कूड़े की यह बदइंतजामी सिर्फ लाने-ले जाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के डंपिंग यार्ड बन गए. माल एवेन्यू से लेकर शहर के पॉश इलाकों तक में कूड़े के ढेर साफ नजर आ रहे हैं.

सफाई के लिए 70 करोड़ का बजट
लखनऊ नगर निगम की कमाई का एक बड़ा हिस्सा शहर की सफाई के नाम पर खर्च किया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 के बजट में करीब 70 करोड़ रुपये का प्रावधान सफाई ठेके के नाम पर किया गया. इतने मोटे बजट के बावजूद शहर की गंदी सड़कें नगर निगम के अधिकारियों और जिम्मेदारों पर सवाल खड़े कर रही हैं.

करीब 13 सौ मीट्रिक टन कूड़ा
राजधानी लखनऊ में प्रतिदिन करीब 13 सौ मेट्रिक टन कूड़ा निकलता निकलता है. फिलहाल इसके निस्तारण की जिम्मेदारी इकोग्रीन नाम की चीन की कंपनी को दी गई है. राजधानी लखनऊ में बने शिवली प्लांट में इस कूड़े का निस्तारण किया जाता है, लेकिन यहां कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया ठीक न होने के कारण शहर में छह लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा इकट्ठा हो चुका है.

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